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रूस-यूक्रेन युद्ध में किम जोंग उन के सैनिकों की एंट्री, जेलेंस्की के दावे पर बोले पुतिन- हम जो चाहे कर सकते हैं

Russia Ukraine War रूस-यूक्रेन युद्ध में एक और अहम मोड़ आया है जहां यूक्रेन और अमेरिका ने दावा किया है कि जंग में उत्तर कोरिया के सेना की एंट्री हो गई है। जेलेंस्की ने खुफिया विभाग के हवाले से इसका दावा किया जिसके जवाब में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मॉस्को अपनी सुरक्षा के लिए जो चाहे वह कर सकता है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 25 Oct 2024 10:53 PM (IST)
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पुतिन ने उत्तर कोरियाई सैनिकों के उपयोग के दावे से इनकार नहीं किया है। (File Image)
मास्को, रॉयटर्स। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि यह रूस का मामला है कि वह उत्तर कोरियाई सैनिकों का उपयोग करने का निर्णय लेता है या नहीं। यदि यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है, तो मास्को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो चाहे कर सकता है।

इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि खुफिया विभाग को पता चला है कि रविवार और सोमवार के बीच पहली उत्तर कोरियाई सेना का इस्तेमाल रूस द्वारा युद्ध क्षेत्रों में किया जाएगा। यूक्रेन का अनुमान है कि प्योंगयांग द्वारा रूस भेजे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों की संख्या 12,000 थी, जिसमें लगभग 500 अधिकारी और तीन जनरल शामिल थे।

(यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की। File Image)

अमेरिका ने भी किया था दावा

अमेरिका ने बुधवार को कहा था कि उसने इस बात के सुबूत देखे हैं कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में संभावित तैनाती के लिए 3,000 सैनिकों को रूस भेजा है। पुतिन ने गुरुवार को अमेरिकी दावों से इनकार नहीं किया, लेकिन कहा कि यह मॉस्को पर निर्भर है कि वह प्योंगयांग के साथ अपने पारस्परिक रक्षा समझौते को कैसे चलाएगा।

उन्होंने पश्चिम पर यूक्रेन युद्ध को बढ़ाने का आरोप लगाया। पुतिन ने कहा कि हमें जब कुछ तय करना होगा, हम फैसला करेंगे, लेकिन यह हमारा संप्रभु निर्णय है कि हम इसे लागू करेंगे या नहीं। पुतिन ने कहा कि पश्चिम ने बार-बार कहा है कि यह यूक्रेन पर निर्भर है कि वह अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करता है, नाटो के साथ या उसके बिना।

पीएम मोदी ने रखा शांति का प्रस्ताव 

इधर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि भारत यूक्रेन और प.एशिया में शांति के लिए हरसंभव मदद करेगा। प्रधानमंत्री मोदी और जर्मनी के चांसलर शुल्ज की मुलाकात के बाद भारत और जर्मनी ने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्षों पर चिंता जताई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स के बाद एक बार फिर जोर देकर कहा कि भारत इन युद्धरत क्षेत्रों में शांति की बहाली के लिए हरसंभव योगदान देने को तैयार है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी तनाव की स्थिति काफी चिंता की बात है और भारत वहां शांति स्थापित करने के लिए जो भी संभव होगा वह कदम उठाएगा। भारत हमेशा से यह मानता है कि युद्ध से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। विश्व, तनाव, संघर्षों और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है।