रूस से यूरोप को तेल आपूर्ति करने वाला पाइप फटा, पुतिन ने कहा- उनका देश गैस आपूर्ति बढ़ाने के लिए तैयार
ड्रुजबा पाइपलाइन में शुरू हुए रिसाव के चलते रूस से यूरोप को होने वाली तेल आपूर्ति में कमी आई है लेकिन जर्मनी ने कहा है कि उसे जरूरत के मुताबिक तेल मिल रहा है। पाइपलाइन में रिसाव पोलैंड के सीमा क्षेत्र में हो रहा है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 12 Oct 2022 10:12 PM (IST)
वारसा, रायटर। ड्रुजबा पाइपलाइन में शुरू हुए रिसाव के चलते रूस से यूरोप को होने वाली तेल आपूर्ति में कमी आई है लेकिन जर्मनी ने कहा है कि उसे जरूरत के मुताबिक तेल मिल रहा है। पाइपलाइन में रिसाव पोलैंड के सीमा क्षेत्र में हो रहा है। पोलैंड ने कहा है कि रिसाव का कारण तकनीक दुर्घटना लग रही है, यह षडयंत्र से तोड़फोड़ का मामला प्रतीत नहीं हो रहा।
इस माह के शुरू में भी हुआ था रिसाव
मालूम हो कि इसी महीने के शुरू में बाल्टिक सागर में गैस से भरी रूसी पाइपलाइन नार्ड स्ट्रीम टू में भीषण रिसाव हुआ था। उसे पाइपलाइन को साजिशन नुकसान पहुंचाने की बात सामने आई थी। उसे लेकर रूस और अमेरिका ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे। रूसी तेल की आपूर्तिकर्ता कंपनी पर्न ने कहा है कि तेल पाइपलाइन में रिसाव की जानकारी मंगलवार शाम को हुई। इसी के बाद नुकसान को नियंत्रित करने के उपाय शुरू कर दिए गए।
जर्मनी ने नार्ड स्ट्रीम टू से गैस लेने से किया इंकार
कंपनी ने कहा है कि जर्मनी को होने वाली तेल आपूर्ति अभी सामान्य है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनका देश यूरोप को गैस आपूर्ति बढ़ाने के लिए तैयार है। यह आपूर्ति नार्ड स्ट्रीम टू पाइपलाइन के जरिये होगी। लेकिन रूस की तरफ से यह बयान आने के कुछ घंटे बाद ही जर्मनी ने नार्ड स्ट्रीम टू से गैस लेने से इन्कार कर दिया।यूरोप को गैस देने के लिए रूस ने किया था निर्माण
यूरोप की बढ़ी गैस जरूरत के अनुसार आपूर्ति के लिए रूस ने इस नई पाइपलाइन का निर्माण किया था लेकिन यूक्रेन युद्ध छिड़ने से इस गैस पाइपलाइन से आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई। अगस्त में नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन से गैस आपूर्ति रुक जाने के बाद रूस ने इस नई पाइपलाइन से आपूर्ति का प्रस्ताव रखा है।
जपोरीजिया संयंत्र पर पुतिन का कोई आश्वासन नहीं
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) के प्रमुख रफाएल ग्रोसी ने मास्को जाकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की है। उन्होंने यूक्रेन के जपोरीजिया परमाणु संयंत्र की सुरक्षा पर बात की है। साथ ही उसे सैन्य टकराव से दूर रखने का अनुरोध किया। लेकिन पुतिन की ओर से उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिल सका है। पुतिन ने साफ कर दिया है कि यूक्रेनी सेना के हमलों का जवाब उनकी सेना देगी। संयंत्र पर हमले के लिए यूक्रेनी सेना जिम्मेदार है, उसे रोका जाना चाहिए।
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