PM Modi in Russia: 'युद्ध में मासूम बच्चों की मौत बहुत दर्दनाक' पुतिन से पीएम मोदी बोले- लड़ाई से सफल नहीं होगी शांति वार्ता
यूक्रेन के मुद्दे पर हमेशा से राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के सामने स्पष्टता से अपनी बात रखने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी ने इस बार कीव स्थित बच्चों के अस्पताल पर हुए रूसी हमले में मारे गये बच्चों का मुद्दा बहुत ही जोरदार तरीके से उठाया है। शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि जब युद्ध में मासूम बच्चों की मौत होती है तो हृदय छलनी हो जाता है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। यूक्रेन के मुद्दे पर हमेशा से राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के सामने स्पष्टता से अपनी बात रखने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी ने इस बार कीव स्थित बच्चों के अस्पताल पर हुए रूसी हमले में मारे गये बच्चों का मुद्दा बहुत ही जोरदार तरीके से उठाया है।
बच्चों का कत्ल होता है, तो हृदय छलनी हो जाता है
पीएम मोदी ने पुतिन के साथ हुई 22वीं भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में भी यह बात उठाई और एक दिन पहले पुतिन की तरफ से आयोजित रात्रि-भोज में भी यह उठाया। शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि जब युद्ध में मासूम बच्चों की मौत होती है तो हृदय छलनी हो जाता है और यह दर्द बहुत भयानक होता है। पुतिन को मोदी का साफ संदेश था कि बम, बंदूक और युद्ध के मैदान में शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती।
पीएम मोदी आठ जुलाई को शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को पहुंचे हैं और उसी दिन रूस के हमले में यूक्रेन की राजधानी कीव में बच्चों के अस्पताल पर हुए हमले में कई बच्चों समेत 36 लोगों के मारे जाने की सूचना है। इस हमले को मंगलवार को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में नाटो देशों की यूक्रेन को लेकर होने वाली बैठक के संदर्भ में देखा जा रहा है।
राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने कही ये बात
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने इंटरनेट मीडिया साइट पर मोदी और पुतिन के बीच गर्मजोशी से हुई मुलाकात को बच्चों के अस्पताल पर हुए हमले से जोड़ दिया है।
उन्होंने इंटरनेट मीडिया साइट एक्स लिखा है कि, “रूस के मिसाइल ने यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर हमला किया है, कम उम्र के कैंसर पीडि़त बच्चों को निशाना बनाया गया है। यह बहुत ही दुख व शांति प्रयासों को धक्का है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेता मास्को में दुनिया के सबसे खूंखार अपराधी को इसी दिन गले लगाता है।''
भारतीय खेमा भी इस हमले को लेकर काफी असहज है। तभी पीएम मोदी ने पुतिन से हुई अपनी दोनों मुलाकातों में इस मुद्दे को उठाया है।
शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा है कि, “मानवता में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति जब जानहानि होती है तो पीडि़त होता है लेकिन उसमें भी जब मासूम बच्चों को मौत होती है तब हृदय छलनी हो जाता है और वह दर्द बहुत भयानक होता है। इस विषय में आपसे विस्तार से चर्चा हुई है। एक मित्र के नाते मैंने हमेशा कहा है कि भावी पीढ़ी के भविष्य के लिए शांति बहुत आवश्यक है। मैं यह भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते। बम, गोली व गोलियों के बीच शांति नहीं हो सकती। हमें वार्ता का माध्यम ही अपनाना होगा।''