Move to Jagran APP

PM Modi Russia Visit: भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, रूस की सेना में गलत तरीके से भर्ती भारतीय लौटेंगे स्वदेश

पीएम नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूसी यात्रा से बड़ी कूटनीतिक जीत हाथ लगी है। गलत तरीके से रूसी सेना में भर्ती भारतीय युवकों की वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष इस मुद्दे को मजबूती से उठाया था। इससे पहले विदेश मंत्री एस.जयशंकर भी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के सामने इस मुद्दे को उठा चुके हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 09 Jul 2024 11:45 PM (IST)
Hero Image
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस की सेना में गलत सूचना देकर भर्ती किए गए सभी भारतीयों को स्वदेश लौटने की इजाजत दी जाएगी। रूस की सेना में तकरीबन 40 ऐसे भारतीयों के फंसे होने की सूचना है जिन्हें रोजगार देने के बहाने बुलाया गया था और बाद में यूक्रेन सीमा पर चल रहे युद्ध में तैनात कर दिया गया। यूक्रेन के साथ युद्ध करते हुए अब तक दो भारतीय मारे भी जा चुके हैं।

पुतिन के सामने पीएम मोदी ने उठाया मुद्दा

रूस के दौरे पर गए पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से दिए गए रात्रि भोज के दौरान मुलाकात में इस मुद्दे को बहुत ही मजबूती से उठाया था और हर भारतीय को छोड़े जाने की मांग की थी। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसकी हामी भरी है। इसके पहले पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया था।

यह भी पढ़ें: मोदी-पुतिन की मुलाकात बन गई यादगार, दुनिया ने देखा भारत रूस का याराना; देखें शानदार तस्वीरें

दोनों नेताओं के मध्य हुई द्विपक्षीय वार्ता

मोदी और पुतिन की अध्यक्षता में 22वां भारत-रूस शिखर सम्मेलन मंगलवार को संपन्न हुआ। इसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के कई आयामों पर बात हुई है। मोदी व पुतिन के बीच हुई वार्ता में भारत और रूस के रिश्तों के आयाम बदलने के भी संकेत हैं।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

अब दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में संबंध प्राथमिकता में नीचे आ गए हैं। वैसे मोदी ने इस बैठक में यूक्रेन युद्ध के बाद भारत के सैन्य क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले रूसी सैन्य सामग्रियों के कल-पुर्जे व गोला-बारूद की कमी का मुद्दा उठाया है। दोनों नेताओं की वार्ता में सैन्य सहयोग से ज्यादा आर्थिक, कारोबार, ऊर्जा और कनेक्टिविटी पर चर्चा हुई है।

द्वपक्षीय कारोबार 100 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि शिखर सम्मेलन में आर्थिक एजेंडा ज्यादा हावी रहा है। वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को मौजूदा 65 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2021 में 21वें शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय कारोबार को वर्ष 2025 तक 25 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया था। यह इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने अमेरिका व पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार करके रूस से भारी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद की है।

मंहगाई से लड़ने में मदद मिली: पीएम मोदी

पीएम ने कहा भी कि जब दुनिया खाद्य, उर्वरक और ईंधन की कमी महसूस कर रही थी तब हमें रूस की मदद से अपने किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करने दिया। रूस से तेल और उर्वरक खरीदने से भारत को महंगाई से लड़ने में मदद मिली है। भारत ने रूस से और ज्यादा उर्वरक खरीदने की मंशा भी जताई है।

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी को मिला रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, अब तक 16 देश कर चुके हैं सम्मानित