PM मोदी बोले, 'आतंकवाद पर दोहरे रवैये की जगह नहीं, BRICS देशों को साथ आकर इससे लड़ना होगा'
PM Modi Speech In BRICS Summit 2024 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को रूस के कजान एक्सपो सेंटर में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में विश्व नेताओं को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि नए स्वरूप में ब्रिक्स 60 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक की अर्थव्यवस्था है। हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में ब्रिक्स व्यापार परिषद और ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन की सबसे बड़ी भूमिका रही है।
एजेंसी, कजान। रूस के कजान में 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (16th BRICS Summit 2024) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi Speech In BRICS) ने कहा कि मैं 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति पुतिन (Russia President Vladimir Putin) को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं एक बार फिर ब्रिक्स से जुड़े नए साथियों का हार्दिक स्वागत करता हूं। अपने नए स्वरूप में ब्रिक्स विश्व की 40% मानवता और लगभग 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले दो दशकों में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यह संगठन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा। मैं न्यू डेवलपमेंट बैंक की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ को बधाई देता हूं। पिछले 10 वर्षों में यह बैंक ग्लोबल साउथ के देशों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में उभर रहा है।
दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में GIFT सिटी के खुलने से इस बैंक को मजबूती मिली है। NDB को मांग-संचालित सिद्धांत पर काम करना जारी रखना चाहिए और बैंक का विस्तार करते समय दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता, स्वस्थ क्रेडिट रेटिंग और बाजार पहुंच सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
आर्थिक सहयोग को मिलेगा बल
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बंद पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इस वर्ष ब्रिक्स में डब्ल्यूटीओ सुधार, कृषि में व्यापार सुविधा, लचीलापन आपूर्ति श्रृंखला और ई-कॉमर्स और विशेष अर्थव्यवस्था क्षेत्र को लेकर जो सहमति बनेगी, उससे हमारे आर्थिक सहयोग को बल मिलेगा।'
डीप फेक जैसी नई चुनौतियां
- पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता और जलवायु परिवर्तन जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है।
- दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है...और, तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक, दुष्प्रचार जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं।
- ऐसे में ब्रिक्स से काफी उम्मीदें हैं। मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। इस संदर्भ में हमारा दृष्टिकोण जन-केंद्रित रहना चाहिए।