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बाइडन के कदम से भड़के पुतिन, न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में कहा- अगर ऐसा हुआ तो करेंगे परमाणु हमला

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नए परमाणु सिद्धांत के माध्यम से अमेरिका को खुली चेतावनी जारी की है। पुतिन की यह चेतावनी परमाणु हमले की है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से कुछ हफ्ते पहले पुतिन ने परमाणु सिद्धांत में बदलाव करने का आदेश दिया है। इस सिद्धांत में कहा गया है कि रूस पर किसी परमाणु संपन्न देश की सहायता से रूस पर किया गया हमला संयुक्त हमला बना जाएगा।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 19 Nov 2024 05:38 PM (IST)
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अमेरिका और रूस के बीच बड़ा तनाव। ( फाइल फोटो)
रॉयटर्स, मॉस्को। रूस और अमेरिका के बीच अब तनाव चरम पर पहुंचने लगा है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही जो बाइडन ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने यूक्रेन को रूस के खिलाफ अमेरिका की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। अगर यूक्रेन इन मिसाइलों का इस्तेमाल करता है तो वह रूस के बड़े शहरों को निशाना बनाने में सक्षम होगा।

नई न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन को मंजूरी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के ताजा कदम से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेहद खफा हैं। उन्होंने मंगलवार को एक नई न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन को मंजूरी दी है। इसके तहत अगर किसी परमाणु संपन्न देश की मिसाइल से रूस पर हमला किया जाता है तो पुतिन परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकते हैं।

बाइडन को रूस का जवाब

रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मंजूरी के जवाब में अपने परमाणु सिद्धांत में बदलाव किया है। परमाणु सिद्धांतों के मुताबिक रूस पर पारंपरिक मिसाइलों, ड्रोन व अन्य विमानों से किया गया हमला भी परमाणु हथियार के इस्तेमाल करने के मानदंडों के दायरे में आएंगे।

नाटो को भी संदेश

डॉक्ट्रिन में यह भी कहा कि गया कि अगर किसी गठबंधन का कोई भी देश रूस पर हमला करता है तो यह पूरे गठबंधन का हमला बना जाएगा। माना जा रहा है कि रूस ने यह प्रावधान नाटो के जवाब में तैयार किया है। यूक्रेन युद्ध ने 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से रूस और पश्चिम देशों के बीच सबसे बड़े टकराव को जन्म दिया है।

10 रूसी अधिकारियों पर ब्रिटेन ने लगाया प्रतिबंध

ब्रिटेन ने मंगलवार को 10 रूसी अधिकारियों और अन्य युवा संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है। ब्रिटेन ने यह कदम यूक्रेनी बच्चों को युद्ध का प्रशिक्षण देने पर उठाया है। ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा, "किसी भी बच्चे को युद्ध में मोहरे के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। मगर राष्ट्रपति पुतिन द्वारा यूक्रेनी बच्चों को निशाना बनाना दिखाता है कि वे यूक्रेन और उसके लोगों को नक्शे से मिटाने के अपने मिशन में किस हद तक जा सकते हैं।" बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बाद से ही पश्चिमी देशों ने रूस के कॉर्पोरेट संस्थाओं से लेकर प्रमुख राजनेताओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।

ब्रिटेन ने कहा कि 19,500 से अधिक यूक्रेनी बच्चों को रूसी अधिकारियों ने जबरन रूस और यूक्रेन के अस्थायी रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित या निर्वासित किया। बयान में कहा गया है कि प्रतिबंधों का लक्ष्य ऑल-रशियन यंग आर्मी मिलिट्री पैट्रियटिक सोशल मूवमेंट है। यह रूस का अर्धसैनिक संगठन है। यह संगठन पुतिन के यूक्रेन की युवा पीढ़ी को जबरन निर्वासित करने और उन्हें अपने विचारों से प्रभावित करने के प्रयासों का केंद्र है।

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