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अमेरिका-रूस फिर होंगे आमने-सामने! US के मिसाइल प्लान पर पुतिन की धमकी ने बढ़ाई टेंशन

Putin Warns USA अमेरिका की जर्मनी में मिसाइल तैनात करने की योजना से नाराज पुतिन ने धमकी दी है कि अगर वह ऐसा करता है तो रूस भी उचित दूरी पर मिसाइल तैनात करेगा जिससे शीत युद्ध में पैदा हुए मिसाइल संकट जैसे हालात बन सकते हैं। पुतिन ने अमेरिका पर तनाव के हालात पैदा करने का भी आरोप लगाया।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 28 Jul 2024 04:02 PM (IST)
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US ने कहा था कि वह जर्मनी में लंबी दूरी की मिसाइलों को 2026 से तैनात करेगा। (File Image)
रॉयटर्स, मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर वह 2026 से जर्मनी में लंबी दूरी की मिसाइलें तैनात करता है तो रूस भी ऐसी ही मिसाइलें स्ट्राइकिंग दूरी पर तैनात करेगा।

संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि नाटो और यूरोपीय रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका 2026 में जर्मनी में लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात करना शुरू कर देगा।

लंबे समय कर मिसाइल तैनाती का प्लान

वाशिंगटन और बर्लिन ने कहा कि यूएसए ऐसी क्षमताओं वाली मिसाइलों को लंबे समय के लिए तैनात करने की तैयारी में है, जिसमें एसएम -6, टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें और विकासात्मक हाइपरसोनिक हथियार शामिल होंगे, जिनकी यूरोप में मौजूदा क्षमताओं की तुलना में दूरी लंबी है।

परमाणु हथियार से लैस हो सकती हैं मिसाइल: पुतिन

रूस की पूर्व शाही राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी नौसेना दिवस के अवसर पर रूस, चीन, अल्जीरिया और भारत के नाविकों को दिए भाषण में पुतिन ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चेतावनी दी कि इस कदम से शीत युद्ध शैली के मिसाइल संकट पैदा होने का खतरा है। पुतिन ने कहा, 'हमारे क्षेत्र पर लक्ष्य के लिए ऐसी मिसाइलों के उड़ान का समय, जो भविष्य में परमाणु हथियारों से लैस हो सकता है, लगभग 10 मिनट होगा। हम यूएसए, यूरोप और दुनिया के अन्य क्षेत्रों में सैटेलाइटों कार्रवाइयों को ध्यान में रखते हुए मिसाइलें तैनात करने के लिए वैसे ही उपाय करेंगे।'

'अमेरिका तनाव पैदा कर रहा'

पुतिन ने कहा कि अमेरिका तनाव पैदा कर रहा है और उसने टाइफॉन मिसाइल प्रणालियों को डेनमार्क और फिलीपींस में स्थानांतरित कर दिया है। पुतिन ने अमेरिकी योजनाओं की तुलना 1979 में पश्चिमी यूरोप में पर्सिंग II लांचरों को तैनात करने के नाटो के फैसले से की। उस वक्त महासचिव यूरी एंड्रोपोव सहित सोवियत नेतृत्व को डर था कि पर्सिंग द्वितीय की तैनाती सोवियत संघ के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को खत्म करने की अमेरिका के नेतृत्व वाली एक विस्तृत योजना का हिस्सा थी।