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Russia: पुतिन ने बदली परमाणु हमले की नीति; चीन में ड्रोन फैक्ट्री चला रहा है रूस

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा है कि परमाणु हथियार संपन्न देश के समर्थन से गैर परमाणु हथियार वाले देश का रूस पर हमला दोनों देशों का संयुक्त हमला माना जाएगा और जवाबी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद रूस दोनों पर जवाबी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा। वहीं रूस चीन के अंदर एक गुप्त हथियार कार्यक्रम चला रहा है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 26 Sep 2024 07:18 AM (IST)
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने बदली परमाणु हमले की नीति
 एपी, मॉस्को। रूस ने परमाणु हमले को लेकर अपनी नई नीति का एलान किया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि परमाणु संपन्न राष्ट्र के समर्थन वाले देश के रूस पर हमले में दोनों देशों को आक्रमणकारी माना जाएगा। इसके बाद रूस दोनों पर जवाबी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।

पुतिन ने यह बात राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में कही है जो परमाणु नीति में बदलाव के सिलसिले में आयोजित की गई थी। बैठक में पुतिन ने कहा, परमाणु हथियार संपन्न देश के समर्थन से गैर परमाणु हथियार वाले देश का रूस पर हमला दोनों देशों का संयुक्त हमला माना जाएगा और जवाबी कार्रवाई की जाएगी।

माना जा रहा है कि रूस पर यूक्रेन के बढ़ते हमलों के मद्देनजर परमाणु हमले की नीति में यह बदलाव किया गया है। यूक्रेन बीते ढाई वर्षों से अमेरिका और पश्चिमी देशों के समर्थन से रूस से टक्कर ले रहा है और हाल के महीनों में उसने रूस पर कई जबर्दस्त हमले किए हैं, रूस की धरती पर भी कब्जा कर लिया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार किसी देश ने रूस पर हमला किया है और उसकी जमीन पर कब्जा किया है।

चीन में ड्रोन फैक्ट्री चला रहा है रूस

रूस, चीन के अंदर एक गुप्त हथियार कार्यक्रम चला रहा है। इसमें वो यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध में इस्तेमाल करने के लिए लंबी-दूरी तक हमला करने वाले ड्रोन का विकास और निर्माण कर रहा है। यह जानकारी यूरोपीय खुफिया एजेंसी के दो सूत्रों ने द्वारा दी गई।

रूस की सरकारी सैन्य कंपनी अल्माज-एंटे की सहइकाई आइइएमजेड कुपोल ने चीन में एक स्थानीय विशेषज्ञ की मदद से नए ड्रोन माडल गैर्पिया-3 (जी-3) को विकसित कर परीक्षण किया है। यह जानकारी कुपोल द्वारा रूसी रक्षा मंत्रालय को भेजे गए दस्तावेज में दी गई थी।

इसमें लिखा है कि चीन की एक फैक्ट्री में इसने बड़े पैमाने पर जी-3 समेत ड्रोनों का निर्माण किया था, ताकि यूक्रेन में जारी विशेष सैन्य कार्रवाई में इनका इस्तेमाल किया जा सके। चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा रायटर को बताया गया कि उन्हें किसी ऐसे गुप्त प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं है।