पाकिस्तान के बाद अब रूस ने की प्रशंसा, कहा- पूर्व सरकार की तुलना में काबुल में स्थिति 'बेहतर'
रूस के तरफ से एक विवादास्पद बयान सामने आया है। अपने एक बयान में रूस ने कहा है कि अशरफ गनी के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में तालिबान के तहत काबुल बेहतर स्थिति में है। रूस तालिबान के साथ संबंध स्थापित करने के लिए प्रयासरत है।
By Amit KumarEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 08:58 PM (IST)
मॉस्को, भाषा: तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर पूर्ण रूप से कब्जा जमा लिया है। देश के राष्ट्रपति भवन में अब तालिबान के लड़ाके आराम फरमा रहे हैं। क्योंकि राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगान को उसके हाल पर छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। इन सब परिस्थितियों के बीच रूस के तरफ से एक विवादास्पद बयान सामने आया है। अपने एक बयान में रूस ने कहा है कि, अशरफ गनी के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में तालिबान के तहत काबुल बेहतर स्थिति में है।
तालिबान आतंकी संगठन है नामितएक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मास्को द्वारा तालिबान का स्पष्ट समर्थन दर्शाता है कि वो, संगठन के साथ संबंध स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। लेकिन, अभी भी आधिकारिक तौर पर रूस में तालिबान एक आतंकी संगठन के तौर पर ही नामित है। अमेरिका समर्थित अफगान सरकार के अचानक और अभूतपूर्व पतन के बाद तालिबान विद्रोहियों ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद राष्ट्रपति को देश छोड़कर भागना पड़ा है।
‘काबुल में स्थिति बेहतर’अफगानिस्तान में रूसी राजदूत दिमित्री झिरनोव के हवाले से मॉस्को ने कहा है कि, वो काबुल पर तालिबान द्वारा नियंत्रण किए जाने के पहले दिन से स्थिति का आंकलन कर रहे हैं। अब वहां पहले की तुलना में स्थिति बेहतर है। वरिष्ठ राजनयिक के अनुसार, काबुल में प्रवेश करते समय तालिबान निहत्थे थे। इसके अलावा, उन्होंने विदेशी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा भी किया है।
तालिबान ने हॉटलाइन नंबर किए जारीझिरनोव ने जानकारी देते हुए बताया कि, सोमवार को तालिबान देश के लोगों के लिए हॉटलाइन फोन नंबर जारी किए। ताकी, किसी भी विपरीत परस्थिति में वो तालिबान को मदद के लिए बुला सकें। उन्होंने बताया कि, अगर कोई लुटेरा या अपराधी प्रवृत्ति के लोग किसी को भी परेशान करते हैं, तो इन फोन नंबरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। रूसी राजदूत के अनुसार, काबुल में मौजूदा स्थिति शांत और अच्छी है।
रूस और तालिबान के बीच वार्तारूसी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 14 फरवरी 2003 को रूस की सर्वोच्च न्यायालय ने तालिबान को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था। वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में पुष्टी करते हुए कहा कि मास्को ने रूसी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काबुल के नए अधिकारियों के साथ कामकाजी संपर्क स्थापित किए हैं।