खूंखार लड़ाकों का सरगना है Yevgeny Prigozhin, यूक्रेन में बरपा रहा कहर; बिल्कुल रहम नहीं करता Wagner ग्रुप
येवगिनी प्रिगोझिन वैगनर ग्रुप के चीफ हैं। इस ग्रुप के लड़ाके बेहद खूंखार और क्रूर माने जाते हैं जिन्होंने रहम करना कभी सीखा ही नहीं। मौजूदा समय में वैगनर ग्रुप यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की मदद कर रहा है।
By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 24 May 2023 07:57 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों मुल्क तरह-तरह के दावे कर रहे हैं। इन दिनों यूक्रेन के पूर्वी शहर बखमुत में खूनी जंग ने आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है। रूस ने बखमुत पर कब्जा करने का दावा किया। हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इसे सिरे से नकार दिया, जबकि यूक्रेन के शीर्ष सैन्य नेतृत्व का कहना है कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है।
डोनेट्स्क शहर से लगभग 66 किमी उत्तर में स्थित एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र बखमुत महीनों से रूस और यूक्रेन के बीच शत्रुता का केंद्र रहा है, जहां पर फिलहाल युद्ध छिड़ा हुआ है।
ऐसे में आज हम बात करेंगे बखमुत पर कब्जा करने का दावा करने वाले वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की, क्योंकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर ग्रुप की तारीफ में कसीदे पढ़े। उन्होंने रूसी सैन्य बलों और वैगनर ग्रुप के खूंखार लड़ाकों को धन्यवाद कहा।
कौन है येवगिनी प्रिगोझिन?
येवगिनी प्रिगोझिन वैगनर ग्रुप का चीफ है। इस ग्रुप के लड़ाके बेहद खूंखार और क्रूर माने जाते हैं, जिन्होंने रहम करना कभी सीखा ही नहीं। येवगिनी प्रिगोझिन पहले एक रेस्त्रां चलाते थे और इस रेस्त्रां का भोजन व्लादिमीर पुतिन को भाता था। ऐसे में येवगिनी प्रिगोझिन की पुतिन के साथ करीबियां बढ़ने लगीं, जिसका उन्हें फायदा भी हुआ।9 साल की सजा काट चुके येवगिनी प्रिगोझिन देश के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। पुतिन के करीबी होने की वजह से उनके कारोबार ने ''दिन दोगुनी, रात चौगुनी'' तरक्की की। देखते ही देखते येवगिनी प्रिगोझिन को क्रैमलिन में खाना सप्लाई करने का टेंडर भी मिल गया था। इसी वजह से उन्हें पुतिन का शेफ कहा जाने लगा था।
ऐसा माना जाता है कि पुतिन के करीबी होने की वजह से ही रूसी सेना येवगिनी प्रिगोझिन को प्रोजेक्ट्स देती आई है और मौजूदा समय में वैगनर ग्रुप के लड़ाके यूक्रेन में जंग लड़ रहे हैं।
वैगनर ग्रुप की बड़ी बातें:
- वैगनर ग्रुप का नाम पहली बार साल 2014 में सामने आया था। दरअसल, साल 2014 में वैगनर ग्रुप ने क्रीमिया पर कब्जा करने के लिए रूस की मदद की थी।
- क्रीमिया के बाद वैगनर ग्रुप का नाम लीबिया, सीरिया, माली, सूडान, मेडागास्कर और अफ्रीका में सुनाई दिया। दरअसल, वैगनर ग्रुप इन देशों में अपने लड़ाकों को भेजकर एक पक्ष को सैन्य सहायता मुहैया कराता था।
- इस ग्रुप का संस्थापक दिमित्री उत्किन को माना जाता है। जो रूसी संघ की मुख्य खुफिया एजेंसी या जीआरयू को अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
- रूसी संघ की मुख्य खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले दिमित्री उत्किन, एडोल्फ हिटलर को अपना आदर्श मानते हैं और उन्होंने हिटलर के पसंदीदा म्यूजिक कम्पोजर रहे रिचर्ड वैगनर के नाम पर वैगनर ग्रुप का नाम रखा।
- वैगनर समूह एक निजी सैन्य और सुरक्षा ग्रुप है। क्रेमलिन पर आरोप लगते हैं कि वो रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वैगनर ग्रुप का इस्तेमाल करता आया है। हालांकि, क्रेमलिन इन दावों को नकारता रहा है।
- माना जाता है कि वैगनर ग्रुप में करीब 6000 खूंखार लड़ाके हैं, जो किसी भी परिस्थिति में मिशन की सफलता को सुनिश्चित करने का दमखम रखते हैं। सैन्य अनुभव रखने वाले लड़ाकों को ही इस ग्रुप में शामिल किया है। हालांकि, समय-समय पर इस ग्रुप से हताहत होने वाले सैनिकों की संख्या को लेकर मतभेद रहा है। दो माह पहले व्हाटस हाउस ने दावा किया था कि वैगनर ग्रुप के 30,000 से अधिक सदस्य हताहत हुए हैं।
- वैगनर ग्रुप निजी सुरक्षा से लेकर सैनिकों को प्रशिक्षण देने का काम करता है।
- वैगनर ग्रुप पर मानवाधिकारों के हनन के आरोप लगते हैं।
वैगनर ग्रुप की जरूरत क्यों ?
किसी भी देश में युद्ध के दौरान मारे गए सैनिकों का आंकड़ा जारी करना पड़ता है, लेकिन वैगनर ग्रुप रूसी सेना का हिस्सा नहीं है। ऐसे में वैगनर ग्रुप के मारे गए लड़ाकों की संख्या से रूस का कोई लेना देना नहीं है और वह इनकी जिम्मेदारी लेने से इनकार भी कर सकता है।वैगनर ग्रुप को लेकर व्हाइट हाउस का क्या था बयान?
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था,मॉस्को द्वारा 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर किए गए आक्रमण के बाद से रूसी भाड़े के वैगनर समूह के 30 हजार से अधिक सदस्य हताहत हुए हैं। लगभग 9,000 कार्रवाई में मारे गए और उनमें से लगभग आधे दिसंबर के मध्य से मारे गए थे।