Russia-Ukraine war: हजारों प्रतिबंध के बाद भी मजबूती के साथ कैसे खड़ा है रूस, क्या है पुतिन का प्लान?
Russia-Ukraine war रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा हुआ है। इसके बावजूद दोनों देशों के बीच सुलह नहीं हो पाई है। हालांकि अमेरिका यूरोप समेत कई देशों ने यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन दिखाया है तो वहीं रूस के खिलाफ पाबंदियां भी लगाई गई हैं।
By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 04 Mar 2023 05:42 PM (IST)
मॉस्को, ऑनलाइन डेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पिछले एक साल से जारी है। हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा हुआ है। इसके बावजूद दोनों देशों के बीच सुलह नहीं हो पाई है। हालांकि, अमेरिका, यूरोप समेत कई देशों ने यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन दिखाया है तो वहीं रूस के खिलाफ पाबंदियां भी लगाई गई हैं।
रूस पर एक साल में लगाए गए 10 हजार प्रतिबंध
जानकारी के अनुसार, फरवरी 2022 से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से ही रूस पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस साल फरवरी की शुरूआत तक रूस पर 10 हजार से अधिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। इनमें तेल, हथियार के व्यापार समेत कई प्रतिबंध शामिल हैं। इसके अलावा कई देशों में मौजूद रूस की संपत्ति को भी फ्रीज किया गया है। साथ ही रूसी राष्ट्रपति व उनके नेताओं पर भी बैन लगाया गया है। बता दें कि रूस पर लगे प्रतिबंधों का असर यहां के नागरिकों और व्यापारियों पर भी पड़ा है, क्योंकि उनके नागरिक दूसरे देशों की यात्रा भी नहीं कर पा रहे हैं।
युद्ध से रूस को हुआ आर्थिक नुकसान
रूस-यूक्रेन युद्ध की कीमत रूस एक साल बाद भी चुका रहा है। इस युद्ध के कारण रूस को आर्थिक तौर पर बड़ा नुकसान हुआ है। स्थिति यह है कि रूस के तेल, हथियार, गैस और तकनीकी कारोबार पर इसका सीधा असर पर पड़ा है, क्योंकि कई देशों ने युद्ध के चलते रूस से सामान के आयात पर प्रतिबंध लगाया है।रूस-यूक्रेन युद्ध में लाखों सैनिकों ने गंवाई अपनी जान
रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस के 1.80 लाख सैनिक मारे गए हैं या फिर घायल हुए हैं। इसके अलावा यूक्रेन के भी 1 लाख सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं। हालांकि, यूक्रेन ने 23 फरवरी 2023 तक रूस के 1 लाख 45 हजार से अधिक सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था, लेकिन यूक्रेन की ओर से अपने सैनिकों को लेकर कोई आधिकारिक संख्या साझा नहीं की गई है।
आम लोगों पर पड़ा जंग का असर
बता दें कि इस युद्ध का सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों पर पड़ा है। युद्ध प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोग अपना घरबार छोड़कर पलायन कर चुके हैं। इसके अलावा इस युद्ध में सैकड़ों बच्चों ने भी अपनी जान गंवाई है। वहीं, लाखों लोगों ने दूसरे देशों में शरण ली है। साथ ही रूसी हमलों में यूक्रेन का 138 अरब डॉलर का आधारभूत संरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) तबाह हुआ है।जंग के बाद भी मजबूती से खड़ा है रूस
हालांकि, रूस को इस जंग के चलते कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध झेलने पड़ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी रूस मजबूती से खड़ा हुआ है। इसकी बानगी रूस के राष्ट्रपति के बयानों में भी कई बार देखने को मिल चुकी है। युद्ध के एक साल पूरे होने से पहले एक बयान में उन्होंने कहा था कि मैं दोहराना चाहता हूं, यह वही हैं जो युद्ध के लिए जिम्मेदार हैं और हम इसे रोकने के लिए बल का उपयोग कर रहे हैं। पुतिन ने यह भी दावा किया था कि रूस ने शांतिपूर्ण तरीके से यूक्रेन के अलगाववादी डोनबास क्षेत्र में संघर्ष को सुलझाने की कोशिश की थी, लेकिन हमारी पीठ के पीछे एक बहुत ही अलग साजिश रची जा रही है।