Russia-Ukraine: रूस ने क्रीमिया पुल पर यूक्रेन के हमले को किया नाकाम, S-200 मिसाइल प्रणाली को हवा में ही रोका
यूक्रेन ने मास्को से जुड़े क्रीमिया पुल पर सतह से हवा में मार करने वाली एस-200 गाइडेड मिसाइल प्रणाली से हमला करने का प्रयास किया। हालांकि रूसी वायु रक्षा प्रणाली ने इसका पता लगाकर हमले को नाकाम कर दिया। मास्को समयानुसार शनिवार दोपहर एक बजे पुल पर आक्रमण शुरू करने का प्रयास किया। स घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
मास्को, एएनआई। यूक्रेन ने मास्को से जुड़े क्रीमिया पुल पर सतह से हवा में मार करने वाली एस-200 गाइडेड मिसाइल प्रणाली से हमला करने का प्रयास किया। हालांकि, रूसी वायु रक्षा प्रणाली ने इसका पता लगाकर हमले को नाकाम कर दिया। समाचार एजेंसी तास ने रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से यह जानकारी दी है।
कीव ने किया क्रीमिया पुल पर S-200 से हमला
समाचार एजेंसी तास ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि मास्को समयानुसार शनिवार दोपहर एक बजे कीव ने सतह से हवा में मार करने वाली S-200 गाइडेड मिसाइल से रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले पुल पर आक्रमण शुरू करने का प्रयास किया। हालांकि, रूस की वायु रक्षा प्रणाली ने हवा में ही इसका पता लगा लिया और इसे रोक दिया। इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
रूस ने मार गिराए 20 ड्रोन
वहीं, रूसी रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को यह भी बताया कि क्रीमिया को निशाना बनाकर किए गए 20 यूक्रेनी ड्रोन के हमले को नाकाम कर दिया गया है। मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन के इस हमले में 20 में से 14 ड्रोनों को मार गिराया गया है, जबकि बाकी बचे छह को जमा कर लिया गया है।
इससे पहले क्रीमिया के गवर्नर सर्गेई अक्स्योनोव ने टेलीग्राम के माध्यम से बताया कि इस क्षेत्र में वायु रक्षा प्रणाली द्वारा दो यूक्रेनी मिसाइलों को मार गिराया गया था, उन्होंने कहा कि पुल प्रभावित नहीं हुआ है।
यूक्रेन ने जहाजों का पंजीकरण शुरू किया
यूक्रेन काला सागर में जहाजों के आवागमन के लिए एक सुरक्षित रूट बनाना चाहता है। यूक्रेन ने इसकी घोषणा करते हुए गुरुवार को इसे ह्यूमैनिटेरियन कारिडोर नाम दिया है। साथ ही इसके इस्तेमाल के इच्छुक लोग पंजीकरण भी करा रहे हैं। हालांकि, अब तक इस कारिडोर से किसी जहाज के जाने की जानकारी नहीं है।
वहीं, एपी के अनुसार पद से हटाए गए रूस के पादरी रेव्ह इओन कोवल ने कहा कि यूक्रेन में शांति का समर्थन करने के लिए पादरियों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह बात तुर्किये के अंताल्या के एक चर्च में अपनी पहली सेवा का नेतृत्व करने के दौरान कही।