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Russia Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति बोले- जर्मनी पर अभी भी अमेरिका का 'कब्जा'

रूसी राष्ट्रपति पुतीन ने कहा कि बाल्टिक सागर में बिछी पाइपलाइन पर जर्मनी द्वारा विस्फोट किए जाने के बाद इस बात का पता चला है कि उस देश पर अभी भी किसी दूसरे देश का कब्जा है। दरअसल पुतीन का दूसरे देश का मतलब अमेरिका है।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 15 Mar 2023 05:44 AM (IST)
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने जर्मनी को लेकर चौंकाने वाली बात कही है।
मॅास्को, रायटर। बाल्टिक सागर (Baltic Sea) में बिछी नेचुरल गैस पाइपलाइन सिस्टम नॉर्ड स्ट्रीम में विस्फोट के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन (Vladimir Putin) ने जर्मनी को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा, उन्होंने तंज कसा है कि जर्मनी अभी एक स्वतंत्र देश की तरह काम नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा कि बाल्टिक सागर में बिछी पाइपलाइन पर जर्मनी द्वारा विस्फोट किए जाने के बाद इस बात का पता चला है कि उस देश पर अभी भी किसी दूसरे देश का कब्जा है। दरअसल, पुतीन का दूसरे देश का मतलब अमेरिका है।

रूसी टेलीविजन पर साक्षात्कार में पुतिन ने यह भी कहा कि यूरोपीय नेताओं को अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता की भावना खोने के लिए धमकाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि जर्मनी सहित पश्चिमी देशों ने पिछले साल रूस की नोर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइनों में हुए विस्फोटों की जांच पर सावधानीपूर्वक अपनी प्रतिक्रिया दिया।

अमेरिका ने जर्मनी पर कब्जा करना जारी रखा: पुतीन

रूसी समाचार एजेंसियों ने पुतिन के हवाले से कहा, 'मामला हो कि यूरोपीय राजनेताओं ने खुद को सार्वजनिक रूप से कहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, जर्मनी कभी भी पूर्ण संप्रभु राज्य नहीं था।' पुतीन ने आगे कहा, सभी को मालूम है कि सोवियत संघ ने एक समय पर अपनी सेना वापस ले ली और देश के आधे हिस्से को स्वतंत्र कर दिया। लेकिन, जैसा कि सभी जानते हैं कि अमेरिका ने ऐसा नहीं किया। अमेरिका ने जर्मनी पर कब्जा करना जारी रखा।'

विस्फोट 'राज्य स्तर' पर किए गए थे: पुतीन

पुतिन ने साक्षात्कारकर्ता को बताया कि नेचुरल गैस पाइपलाइन सिस्टम नॉर्ड स्ट्रीम में विस्फोट 'राज्य स्तर' पर किए गए थे। वहीं, उन्होंने इस बात को पूरी तरह निराधार बताया कि यह विस्फोट यूक्रेन समर्थक समूह ने किया है। बता दें कि इस पाइपलाइन का उद्देश्य रूसी गैस को जर्मनी में लाना था, हालांकि एक साल पहले मॉस्को के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से बर्लिन ने रूसी हाइड्रोकार्बन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं।