Russia Ukriane War: रूस-यूक्रेन युद्ध का एक साल, जानें- वो घटनाएं जिन्होंने बदल दी जंग की तस्वीर
Russia Ukraine War 24 फरवरी 2023 को रूस यूक्रेन युद्ध के 1 साल पूरे हो जाएंगे। पिछले 1 सालों में इस युद्ध की वजह लाखों लोगों ने जान गंवाई है। युद्ध के बीच कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी है। आइए जानते हैं युद्ध पिछले एक साल के युद्ध का लेखा-जोखा।
By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Mon, 20 Feb 2023 10:50 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Russia Ukraine War रूस-यूक्रेन युद्ध के 1 साल पूरे होने वाले हैं। 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई इस भीषण जंग ने खूबसूरत देश यूक्रेन को खंडहर में तब्दील कर दिया है। इस युद्ध की वजह से हजारों सुहागनों ने अपने सुहाग खो दिए। लाखों माताओं की गोद सूनी हो गई, तो वहीं न जाने कितने सैनिकों ने कर्तव्य की राह पर अपने प्राणों की आहुती दे दी। पिछले 1 साल से जारी इस युद्ध पर विराम कब लगेगा इसका अंदाजा लगा पाना भी मुमकिन नहीं है।
पिछले साल फरवरी महीने में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के आदेश पर रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर बड़े स्तर पर हमला करना शुरू कर दिया। रूस की तुलना में सैन्य शक्ति के मुकाबले काफी कमजोर देश यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने फिर भी हार नहीं मानी। अमेरिका सहित कई पश्चिमी देश, इस युद्ध के लिए रूस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतीन आज भी यूक्रेन को रूस का हिस्सा मानते हैं। पुतिन की मंशा है कि वो रूस को साल 1991 से पहले यानि सोवियत संघ के विघटन से पहले वाले स्वरूप में रूस को वापस लेकर आएं। इसलिए पुतिन यूक्रेन पर आज भी लगातार हमले कर रहे हैं।
71 हजार से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान
इस युद्ध की वजह से हुए नुकसान की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के ऑफिस की तरफ से जारी एक आंकड़े के अनुसार पिछले एक साल के दौरान यूक्रेन में 71 हजार से अधिक नागरिकों की मौतों की पुष्टि की गई है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय ने जानकारी दी कि 12 फरवरी, 2023 तक जंग (Russia Ukraine War) में कुल 7,199 नागरिकों की मौत हुई है। इनमें से 438 बच्चे थे। इसके अलावा, 11,756 लोगों के घायल हो चुके हैं। हालांकि, OHCHR ने यह भी बताया कि वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा लोगों की मौत पिछले साल मार्च महीने में सबसे ज्यादा 3.2 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद, यूक्रेन ने डोनेट्स्क और लुहांस्क के सरकार और रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों के बीच एक सैन्य संघर्ष चल रही थी। इस दौरान नागरिकों और सैन्य कर्मियों सहित 14,200 से 14,400 लोग मारे गए थे। उनमें से कम से कम 3.4 हजार नागरिक थे।
नॉर्वे के रक्षा प्रमुख, जनरल एरिक क्रिस्टोफर्सन ने जानकारी दी है कि युद्ध में रूस के तकरीबन 1 लाख 80 हजार सैनिक मारे जा चुके हैं। वहीं, यूक्रेन के करीब 1 लाख सैनिक मारे गए हैं। वहीं अमेरिका और पश्चिमी देशों की एक रिपोर्ट की मानें तो रूस के लगभग 2 लाख से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, इस युद्ध के कारण दुनिया की तकरीबन 32 लाख करोड़ रुपये (4 ट्रिलियन डॉलर) बर्बाद हो चुकी है। सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान झेलने वाला देश यूक्रेन ही है।
युद्ध के बीच घटी महत्वपूर्ण घटनाएं
रूसी सेना ने मार्च में किया था खेरसॉन पर कब्जा
मार्च महीने रूसी सेना ने जबरदस्त बमबारी करते हुए खेरसॉन (Khorasan) को कब्जे में कर लिया। इसी के साथ खेरसॉन, रूसी सेना द्वारा कब्जा किया जाने वाला पहला क्षेत्र बन गया। इस क्षेत्र में मर्चेंट शिप, टैंकर, कंटेनर शिप, आइसब्रेकर, आर्किट सप्लाई शिप बनाई जाती हैं। वहीं, मई महीने में मारियुपोल पर नियंत्रण पाने के लिए रूसी सेना ने अभियान शुरू किया। भारी बमबारी की वजह से मारियुपोल (Mariupol) में कई नागरिकों की मौत हो गई।जब पीछे हटने लगे रूसी सेना
मई में मारियुपोल पर नियंत्रण पाने के लिए रूसी सेना ने अभियान शुरू किया। भारी बमबारी की वजह से मारियुपोल (Mariupol) में कई नागरिकों की मौत हो गई। इसके बाद अजोवस्टाल (Azovstal) आयरन एंड स्टील वर्क्स प्लांट में दोनों देशों के सेनाओं के बीच भीषण युद्ध हुआ। आखिर में यूक्रेन के सैनिकों ने रूसी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अगस्त में यूक्रेन ने आखिरकार अपना बहुप्रतीक्षित जवाबी हमला शुरू कर दिया। यूक्रेन की सेना ने पूर्वोत्तर यूक्रेन में खार्किव क्षेत्र की ओर एक आश्चर्यजनक जवाबी हमला किया। इस हमले का जवाब देने की बजाय रूसी सेना बिना लड़े पीछे हटने लगी।यूक्रेन ने कर्च रोड और रेल ब्रिज को उड़ाया
अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते में रूस को क्रीमिया प्रायद्वीप से जोड़ने वाले 19 किलोमीटर लंबे कर्च रोड और रेल ब्रिज को धमाके से उड़ा दिया गया था। धमाके के बाद क्रीमिया की ओर जा रही ट्रेन के सात ईंधन टैंकों में आग लग गई थी।यह भी पढ़ें- Russia Ukraine War: युद्ध के बीच पहली बार कीव पहुंचे राष्ट्रपति जो बाइडन, कहा- 'हम यूक्रेन के साथ खड़े हैं' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई और पुल के दो हिस्से भी आंशिक रूप से गिर गए। इस धमाके के बाद रूसी सेना ने यूक्रेन के कई शहरों पर बमबारी शुरू कर दी। बमबारी का लक्ष्य यूक्रेन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, जैसे बिजली ग्रिड और जल भंडारण सुविधाओं को नुकसान पहुंचाना था।क्रिसमस के बीच भी जारी रही जंग
साल के आखिरी महीनें में रूस की ओर से जानकारी दी गई कि क्रिसमस के बीच भी रूस-यूक्रेन युद्ध थमने वाला नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि क्रिसमस तक रूस को अपने सैनिकों को यूक्रेन से बाहर ले जाने की शुरूआत करें, जो दोनों की शांति के लिए उठाया गया पहला कदम होगा। हालांकि, इस महीने भी दोनों देशों के बीच जंग जारी है।जनवरी में माकिइवका शहर पर एक यूक्रेनी मिसाइल हमले से हाल ही में जुटे रूसी सैनिकों की मौत हो गई। रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 89 सैनिक मारे गए, जबकि यूक्रेन के अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या सैकड़ों में बताई थी। इसके बाद रूस ने 12 जनवरी को सॉलेदार पर कब्जा करने की घोषणा की, हालांकि कीव ने रूस के इस दावे को खारिज किया।बाइडन पहुंचे यूक्रेन
20 फरवरी यानि यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष पूरा होने से चार दिन पहले सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अचानक कीव पहुंचे। किसी अमेरिकी राष्ट्रपति का इस तरह से युद्धग्रस्त क्षेत्र में जाना अप्रत्याशित है और प्रोटोकाल के विरुद्ध है लेकिन बाइडन ने यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए ऐसा किया। बाइडन ने कहा, अमेरिका जब तक जरूरत होगी - तब तक यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा। बाइडन के दौरे से युद्ध के और भड़कने की आशंका पैदा हो गई है।