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यूक्रेन रवाना हुए रूसी सैनिक, उच्च सदन ने पुतिन को दी देश के बाहर सेना भेजने की इजाजत

पूर्वी यूक्रेन के दो विद्रोही इलाकों डोनेत्सक और लुहान्सक की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने संसद के ऊपरी सदन से अनुमति मांगी कि रूस से बाहर देश के सैनिकों का इस्तेमाल किया जा सके। यह जानकारी रूस के उपरक्षा मंत्री ने दी।

By Monika MinalEdited By: Updated: Wed, 23 Feb 2022 06:50 AM (IST)
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डोनेत्सक और लुहान्सक जाएंगे रूसी सैनिक, संसद ने दी अनुमति
मास्को, एएफपी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार देर रात पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत् और लुहान्स्क को स्वतंत्र घोषित कर वहां 'शांति स्थापित' करने के लिए अपनी सेना भेज दी। रूसी संसद के उच्च सदन ने भी पुतिन को देश के बाहर सेना के इस्तेमाल की अनुमति दे दी। इसके साथ ही अब यूक्रेन में सैन्य अभियान तेज करने की छूट मिल गई है। पूर्वी यूक्रेन के डोनबास स्थित डोनेत्सक और लुहान्सक को स्वतंत्र देश घोषित करने के बाद अब वहां की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेवारी भी रूस की है। सीएनएन के अनुसार इसके लिए रूसी संसद ने मंगलवार को मंजूरी दे दी।

रूसी सैनिकों से भरे ट्रकों को जहां यूक्रेन सीमा की ओर ब़़ढते देखा गया वहीं रूसी टैंक सीमा से काफी अंदर तक पहुंच गए हैं। खतरे और धमकियों को देखते हुए रूस ने यूक्रेन से अपने राजनयिकों को भी वापस बुलाने का फैसला किया है। दरअसल सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के दो विद्रोही इलाकों डोनेत्सक और लुहान्सक को अलग देश की मान्यता देने का एलान रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने किया था और अब मंगलवार को वहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने संसद के ऊपरी सदन से अनुमति मांगी कि रूस से बाहर देश के सैनिकों का इस्तेमाल किया जा सके। यह जानकारी रूस के उपरक्षा मंत्री ने दी।

पुतिन की इस मांग को लेकर रूस की संसद के ऊपरी सदन में वोटिंग की गई। 153 रूसी सांसदों ने पुतिन के इस फैसले का समर्थन किया। बता दें कि रूसी विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि फिलहाल पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजने की योजना नहीं है। उल्लेखनीय है कि पुतिन ने फेडरेशन काउंसिल से 2014 से यूक्रेन की सेना से लड़ने वाले अलगाववादियों का समर्थन करने के लिए देश के बाहर सेना के उपयोग को मंजूरी देने के लिए कहा। उप रक्षा मंत्री निकोले पानकोव ने कहा, 'बातचीत रुक गई है। यूक्रेन के नेतृत्व ने हिंसा और रक्तपात का रास्ता अपनाया है। हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा है।'