Alexei Navalny: प्लेन में दिया गया जहर और 19 साल की कैद; कौन थे एलेक्सी नवलनी जिन्होंने पुतिन की नाक में किया था दम
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर आलोचकों में से एक विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत हो गई। नवलनी उग्रवाद के आरोप में 19 साल की सजा काट थे और उन्हें आर्कटिक सर्कल के ऊपर एक जेल कॉलोनी में रखा गया था। पुतिन पर नवलनी की जान लेने की कोशिश करने के आरोप लगते रहे हैं और इसको लेकर पिछले कई वर्षों से चर्चा भी गर्म रही।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर आलोचकों में से एक विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत हो गई। नवलनी उग्रवाद के आरोप में 19 साल की सजा काट थे और उन्हें 'आर्कटिक सर्कल' के ऊपर एक जेल कॉलोनी में रखा गया था। अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में नवलनी से जुड़ी रिपोर्ट्स सामने आने पर यह जानकारी दी थी, लेकिन पुतिन के इस विरोधी की शुक्रवार को अचानक मौत हो जाने की सूचना सामने आई।
आपको बता दें कि व्लादिमीर पुतिन पर नवलनी की जान लेने की कोशिश करने के आरोप लग चुके हैं और इसको लेकर पिछले कई वर्षों से चर्चा भी गर्म रही।
कौन थे एलेक्सी नवलनी?
नवलनी को पुतिन का घोर विरोधी माना जाता है और उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए थे। 1976 में जन्मे नवलनी ने कानून की पढ़ाई की और एक सफल वकील के रूप में अपनी पहचान स्थापित की, लेकिन साल 2008 में उन्होंने एक ब्लॉग लिखकर सरकारी कंपनियों के घोटालों को उजागर किया था। इसी एक ब्लॉग की बदौलत उनकी लोकप्रियता में दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से इजाफा हुआ। साथ ही सरकार में शामिल कई नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को इस्तीफा भी देना पड़ा था।
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जब पहली बार हुई गिरफ्तारी
साल 2011 में सरकार के खिलाफ ब्लॉग लिखने और रूस की संसद डूमा के बाहर सरकार विरोधी रैली का आयोजन करना नवलनी को भारी पड़ा था। घोटालों को लेकर लगातार आवाज बुलंद करने की वजह से उन्हें 2011 में पहली बार गिरफ्तार किया गया और 15 दिन की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, सरकार के खिलाफ अपनी मुहिम को उन्होंने पीछे नहीं छोड़ा और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया।
साल 2012 में पुतिन की सत्ता में वापसी हुई और वह एक बार फिर से राष्ट्रपति बन गए। इसके बाद 2013 में नवलनी ने मॉस्को के मेयर का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें पुतिन समर्थक सर्गेई सोब्यानिन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने सरकार विरोधी माहौल बनाने में सफलता हासिल की। जिसकी वजह से उन्हें सरकारी मीडिया में दिखाने पर रोक लगा दी गई थी।
भले ही नवलनी की आवाज को कुचलने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया की मदद से लोगों तक अपनी बात पहुंचाई और वह रुके नहीं...
पांच साल की मिली थी सजा
नवलनी के खिलाफ आपराधिक मामलों की जांच के लिए गठित कमेटी ने उन्हें किरोव शहर में हुई कथित आगजनी के लिए दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी। वहीं, हाई कोर्ट ने सजा की पुष्टि नहीं होने पर सजा को ही निलंबित कर दिया था। दरअसल, नवलनी के खिलाफ कमेटी का गठन किसी और ने नहीं, बल्कि पुतिन ने ही किया था। हालांकि, बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट फिर किरोव की अदालत में भी पहुंचा।
नवलनी सहित हजार प्रदर्शनकारी की गिरफ्तारी
एलेक्सी नवलनी ने फरवरी 2017 में सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बड़े शहरों में रैलियों का आयोजन किया। यह बात पुतिन को नागवार गुजरी और उन्होंने नवलनी सहित हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करवाया। ऐसे कई मौके आए जब नवलनी की गिरफ्तारी हुई। हालांकि, अप्रैल 2017 में नवलनी पर एक रैली के दौरान हमला हुआ। इस हमले में उनकी आंख के कॉर्निया को नुकसान पहुंचा था और सरकार देश के बाहर इलाज कराने की अनुमति भी नहीं दे रही थी, लेकिन मानवाधिकार परिषद द्वारा दखल दिए जाने के बाद उन्हें स्पेन जाने की इजाजत मिली।
जब नवलनी को दिया गया था जहर
साल 2020 में एक विमान यात्रा के दौरान नवलनी को जहर दिया था। पश्चिमी देशों ने इस हमले के पीछे रूस का हाथ होने की संभावना जताई थी। हालांकि, जर्मनी में उनका इलाज हुआ और उनकी जान बच गई, लेकिन रूस लौटने के बाद नवलनी को वापस जेल भेज दिया गया। नवलनी की जेल की सजा को बढ़ाकर 19 साल कर दिया गया था।