'ये कौन हैं', पुतिन को देख रूसी जासूस दंपती के बच्चे हुए हैरान; अदला-बदली में अमेरिका ने रिहा किए 8 Russian कैदी
रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच पुतिन सरकार और पश्चिमी देशों के बीच अहम समझौता हुआ। शीत युद्ध के बाद 2 अगस्त को कैदियों की ऐतिहासिक अदला बदली की गई। पश्चिमी देशों ने 8 रूसी कैदियों रिहा किया। इस अदला-बदली में आर्टेम दुलत्सेव और अन्ना दुलत्सेवा उन 24 कैदियों में शामिल थे जिनकी अदला-बदली समझौते के तहत की गई थी।
डिजिटल डेस्क, मॉस्को। 2 अगस्त को रूस और पश्चिमी देशों की बीच कैदियों की ऐतिहासिक अदला-बदली हुई है। इस रिहाई में रूसी खुफिया एजेंटों के दो बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें विमान से मॉस्को लाया गया। दरअसल, जब दोनों बच्चे मॉस्को आए तब उन्हें अपनी राष्ट्रीयता के बारे में पता चला।
दोनों बच्चों के माता-पिता आर्टेम दुलत्सेव और अन्ना दुलत्सेवा, उन 24 कैदियों में शामिल थे, जिनकी अदला-बदली समझौते के तहत की गई थी। इसके बदले में रूस ने भी अमेरिकी बंदियों को रिहा किया।
कौन हैं रूसी कपल?
आर्टेम दुलत्सेव और अन्ना दुलत्सेवा स्लोवेनिया में अर्जेंटीना के एक कपल के रूप में रह रहे थे, जहां उन्हें जासूसी के आरोप में दोषी ठहराया गया था। गुरुवार को वह दोनों अपने दो बच्चों के साथ तुर्की से वापस रूस पहुंचे।क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पत्रकारों को बताया कि दोनों बच्चों को 'तभी पता चला कि वे रूसी हैं जब विमान ने अंकारा से उड़ान भरी।' पेसकोव के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विमान से बाहर उनका स्वागत स्पेनिश भाषा में किया क्योंकि वे रूसी नहीं बोलते थे। हैरानी की बात यह थी कि दोनों बच्चे यह भी नहीं जानते थे कि पुतिन आखिर हैं कौन?
बच्चों ने पूछा कौन हैं पुतिन?
विमान से उतरने के बाद, दुलत्सेवा ने भावुक होकर पुतिन को गले लगाया। पुतिन ने भी सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया। पुतिन ने रिहा हुए बाकी रूसियों का भी गले लगाकर स्वागत किया। गुरुवार को हुई यह ऐतिहासिक अदला-बदली अमेरिका, रूस, बेलारूस और जर्मनी के बीच कई वर्षों से चल रही जटिल बातचीत का परिणाम थी।बता दें कि रूस ने 16 और पश्चिमी देशों ने 8 कैदियों की अदला-बदली की, जिनमें पूर्व अमेरिकी मरीन पॉल व्हेलन, वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर इवान गेर्शकोविच और दो अन्य अमेरिकी शामिल थे। बता दें कि रूसी जासूस कपल दुलत्सेव और दुलत्सेवा ने बुधवार को ल्युब्लजाना की एक अदालत में जासूसी का अपराध स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें जेल की सजा सुनाई गई थी।
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