यूक्रेन युद्ध के बाद जयशंकर करेंगे रूस की पहली यात्रा, सर्गेई लावरोव से यूक्रेन समेत कई मसलों पर करेंगे बातचीत
रूस- यूक्रेन युद्ध को आठ महीने हो चुके हैं फिर मिसाइल हमले रुकने को नाम नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में आठ नवंबर को मास्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर के साथ बातचीत करेंगे।
By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Thu, 27 Oct 2022 06:09 PM (IST)
मास्को, एजेंसी। रूस- यूक्रेन युद्ध को आठ महीने हो चुके हैं, फिर भी मिसाइल हमले रुकने को नाम नहीं ले रहे हैं। भारत का लगातार कहना है कि दोनों देशों को बातचीत और कूटनीति से इस मसले को हल करना चाहिए। यूक्रेन युद्ध के तेज होने के बाद से रूस की पहली यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत करेंगे। रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने यह जानकारी दी।
हाल के दिनों में युद्ध तेज हो गया है रूस और यूक्रेन युद्ध
विदेश मंत्री एस जयशंकर आठ नवंबर को मास्को में लावरोव से वार्ता करेंगे, जहां वे द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर चर्चा करेंगे। जयशंकर की मास्को यात्रा ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रही है, जब रूस और यूक्रेन के बीच हाल के दिनों में युद्ध तेज हो गया है। यह यात्रा ऐसे समय में भी हो रही है, जब कीव में भारतीय दूतावास ने एक ताजा एडवाइजरी जारी कर सभी भारतीय नागरिकों को यूक्रेन युद्ध में बढ़ती शत्रुता को देखते हुए तुरंत देश छोड़ने के लिए कहा है।
On November 8 in Moscow, Russian Foreign Minister Sergey Lavrov will have talks with EAM Dr S Jaishankar. The Ministers will discuss the current state of bilateral relations and the international agenda: Russian Foreign Ministry Spokeswoman Maria Zakharova
(File photo) pic.twitter.com/MMZBpU4uUO
— ANI (@ANI) October 27, 2022
कूटनीति के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने पर जोर
यूएनजीए में भारत ने कूटनीति के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने की जरूरत पर जोर दिया और कीव-मास्को संघर्ष पर अपने रुख को खुले तौर पर संबोधित किया। 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में जयशंकर ने कहा था कि हमसे अक्सर पूछा जाता है कि हम किसके पक्ष में हैं। हमारा जवाब हर बार सीधा और ईमानदार होता है। भारत शांति के पक्ष में है और मजबूती से रहेगा। हम उस पक्ष में हैं, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके संस्थापक सिद्धांतों का सम्मान करता है। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को दोहराते हुए यह बात कही। कूटनीति की जरूरत पर जोर देते हुए जयशंकर ने कहा कि वे उस पक्ष में हैं, जो बातचीत का आह्वान करता है।युद्ध का शीघ्र समाधान खोजने के लिए कहा
जयशंकर ने कहा था कि लगभग हर नेता ने युद्ध के प्रभाव को दोहराया। हम उन लोगों के पक्ष में हैं, जो भोजन, ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती लागत को देखते हुए अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि इसलिए यह हमारे सामूहिक हित में है कि संयुक्त राष्ट्र के भीतर और बाहर इस युद्ध का शीघ्र समाधान खोजने के लिए रचनात्मक रूप से काम करें। यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक के दौरान जयशंकर ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर जोर देने को याद किया कि यह युग युद्ध का नहीं हो सकता।