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Russia-Ukraine War: युद्ध को याद कर सिहर उठता है तेलंगाना का सुफियान, एक एजेंट ने धोखे से रूसी सेना में कराया था भर्ती

एक एजेंट द्वारा धोखा दिए जाने के बाद रूसी सेना के लिए सहायक कर्मचारी के रूप में काम करने वाला तेलंगाना निवासी मोहम्मद सुफियान 14 सितंबर को घर लौट आया है। उसने कहा कि मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि घर लौट आया हूं। महीनों तक वह अन्य लोगों के साथ रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसा रहा। युद्ध के भयानक दृश्य अब भी मेरे दिमाग में ताजा हैं।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 15 Sep 2024 02:00 AM (IST)
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युद्ध को याद कर सिहर उठता है तेलंगाना का सुफियान

 पीटीआई, हैदराबाद। एक एजेंट द्वारा धोखा दिए जाने के बाद रूसी सेना के लिए सहायक कर्मचारी के रूप में काम करने वाला तेलंगाना निवासी मोहम्मद सुफियान 14 सितंबर को घर लौट आया है। उसने स्वदेश वापसी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। वह रूस-यूक्रेन युद्ध की भयावता याद कर अब भी सिहर उठता है। महीनों तक वह अन्य लोगों के साथ रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसा रहा।

युद्ध के भयानक दृश्य दिमाग में ताजा

उसने कहा कि मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि घर लौट आया हूं। युद्ध के भयानक दृश्य अब भी मेरे दिमाग में ताजा हैं। सुफियान ने कहा कि मुंबई स्थित एक रोजगार एजेंट द्वारा सुरक्षा कर्मी की नौकरी का वादा किए जाने के बाद वह दिसंबर 2023 में चेन्नई और दुबई के रास्ते रूस पहुंचा था। हालांकि, उसे रूस-यूक्रेन सीमा पर ले जाया गया और वाहनों को लोड करने और बंकर बनाने जैसे काम सौंपने से पहले प्रशिक्षण दिया गया।

सुफियान और उसके जैसे अन्य लोगों को एहसास हुआ कि उन्हें गुमराह किया गया है, लेकिन वे मुख्य एजेंट से संपर्क स्थापित नहीं कर सके। उसे अग्रिम पंक्ति के करीब ले जाया गया था। युद्ध बढ़ने के बाद रातों की नींद हराम होने के कारण उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया।

केंद्र सरकार ने की मदद

बाद में उसे रूस के नियंत्रण वाले यूक्रेनी क्षेत्र में फ्रंटलाइन से लगभग 60 किलोमीटर दूर एक ग्रीन जोन में स्थानांतरित कर दिया गया। उसने कहा कि हम आठ महीने तक जंगल में थे। उसने कहा कि केंद्र सरकार ने मॉस्को से दिल्ली पहुंचने के लिए हवाई टिकट की व्यवस्था की।