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क्‍या प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची से हट जाएगा तालिबान का नाम, रूस ने जताई संभावना

रूस इस बात पर विचार कर रहा है कि तालिबान का नाम अब प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची से हटा दिया जाए। तालिबान ने भी रूस के इस कदम का स्‍वागत किया है। बता दें कि तालिबान 15 अगस्‍त को काबुल पर कब्‍जा किया था।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 25 Oct 2021 09:57 AM (IST)
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तालिबान 15 अगस्‍त को काबुल पर कब्‍जा किया था।
मास्‍को (एएनआई)। तालिबान ने रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के उस बयान पर खुशी जताई है कि जिसमेंन उन्‍होंने तालिबान को आतंकी संगठनों की सूची से बाहर निकालने की संभावना जताई थी। पुतिन की तरफ से ये संभावना इंटरनेशनल वल्‍डई क्‍लब को संबोधन के दौरान जताई गई थी। रूसी समाचार एजेंसी तास ने बताया है कि इस दौरान उन्‍होंने कहा था कि तालिबान मूवमेंट को आतंकी संगठनों की सूची से बाहर निकाले जाने की संभावना है।

उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र से भी अपने स्‍तर पर इस कदम को उठाने की अपील की है। इसलिए

अफगानिस्‍तान की तालिबान द्वारा बनाई गई अंतरिम सरकार के तहत अफगान विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अब्‍दुल कहार बाल्‍खी ने कहा है इस्‍लामिक अमीरात आफ अफगानिस्‍तान का विदेश मंत्रालय रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के दिए बयान का स्‍वागत करता है। तालिबान सरकार की तरफ से ये बयान तालिबान को इस्‍लामिक अमीरात आफ अफगानिस्‍तान (आईईए) के नेताओं को ब्‍लैकलिस्‍ट से हटाने की संभावनाओं पर दिया है।

तालिबान के प्रवक्‍ता ने इस बाबत एक ट्वीट करते हुए लिखा है कि अफगानिस्‍तान में युद्ध का अध्‍याय अब खत्‍म हो गया है इसलिए दुनिया के दूसरे देशों को चाहिए कि वो अफगानिस्‍तन के प्रति सकारात्‍मक रुख अपनाते हुए संबंधों में सकारात्‍मक बदलाव लाए। इसमें ये भी कहा गया है कि तालिबान विश्‍व बिरादरी से एक सकारात्‍मक संबंध बनाने का इच्‍छुक है, जो पारस्‍परिक संबंधों पर आधारित होगा। रूस की तरफ से कहा गया है कि वो तालिबान को आतंकी संगठनों की सूची से बाहर करने पर विचार कर रहा है।

पुतिन ने ये भी कहा है कि हम सभी ये मानते हैं कि तालिबान का अफगानिस्‍तान पर निश्चिततौर पर नियंत्रण है। ये सुनिश्चित करना होगा कि वहां पर विकास की राह को आगे बढ़ाया जाए। गौरतलब है कि तालिबान ने काबुल पर 15 अगस्‍त को नियंत्रण कर लिया है। इसके बाद उन्‍होंने वहां पर अंतरिम सरकार का गठन किया था। तालिबान सरकार बनने के बाद से ही लगातार इस बात की कोशिशों में लगा है कि उसकी सरकार को विश्‍व मान्‍यता प्रदान करे। हालांकि अब तक किसी भी देश तालिबान की सरकार को मान्‍यता नहीं दी है।