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चार चरणों में पूरा होगा कामोव हेलीकॉप्टर तकनीक हस्तांतरण

भारत अपनी सेना में पुराने पड़ चुके चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के स्थान पर कामोव हेलीकॉप्टरों की तैनाती चाहता है। इसके लिए रूस के साथ सौदा हुआ है जिसके तहत तकनीक का हस्‍तांतरण चार चरणों में होगा।

By Monika MinalEdited By: Updated: Sat, 02 Dec 2017 02:26 PM (IST)
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चार चरणों में पूरा होगा कामोव हेलीकॉप्टर तकनीक हस्तांतरण

मॉस्को (प्रेट्र)। भारत और रूस के बीच हुए 200 कामोव हेलीकॉप्टर बहुउद्देशीय सैन्य हेलीकॉप्टर के सौदे में तकनीक हस्तांतरण और उत्पादन की प्रक्रिया चार चरणों में पूरी होगी। सौदे के तहत 60 हेलीकॉप्टर उड़ने के लिए तैयार स्थिति में रूस से भारत को प्राप्त होंगे जबकि 140 हेलीकॉप्टर भारत में ही बनाए जाएंगे। एक अरब डॉलर (6500 करोड़ रुपये) का यह सौदा 2015 में हुआ है।

कामोव-226 टी हेलीकॉप्टर कार्यक्रम के निदेशक दिमित्री श्वेट्स ने बताया कि यह सौदा दोनों सरकारों के बीच हुआ है। इसमें भारत को तकनीक के हस्तांतरण और अधिकतम कल-पुर्जो के निर्माण में सहयोग दिया जाएगा। तकनीक का हस्तांतरण और कल-पुर्जो के निर्माण का कार्य चार चरणों में पूरा होगा।
पहले चरण में रूस में बने हेलीकॉप्टर के हिस्से भारत भेजे जाएंगे, वहां पर उन्हें जोड़कर उड़ने लायक स्थिति में लाया जाएगा। दूसरे चरण में कुछ खास हिस्से रूस से भेजे जाएंगे और बाकी के भारत में दोनों देशों के सहयोग से बनाए जाएंगे। तीसरे चरण में भारत में निर्माण होने वाले हिस्सों की संख्या बढ़ाई जाएगी लेकिन उसके लिए कच्चे माल की आपूर्ति रूस से ही की जाएगी। चौथे और आखिरी चरण में हेलीकॉप्टर का भारत में ही पूरी तरह से उत्पादन होगा। इस चरण में सर्विस और मेंटनेंस सेंटर की स्थापना भी की जाएगी।

श्वेट्स ने कहा कि समझौते के तहत ज्यादा से ज्यादा उत्पादों का भारत में ही निर्माण करने की कोशिश होगी। यह सौदा दोनों देशों के सहयोग की भावना पर आधारित है।

भारत अपनी सेना में पुराने पड़ चुके चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के स्थान पर कामोव हेलीकॉप्टरों की तैनाती चाहता है। इसी के चलते दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस के दौरे के समय दोनों सरकारों के बीच यह सौदा हुआ था।

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