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G-20 Summit में वर्चुअली शामिल होंगे यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की, रूस को बर्खास्‍त करने की है मांग

G-20 सम्‍मेलन की शुरुआत इंडोनेशिया के बाली में होने वाली है। इसमें जहां रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन शामिल नहीं हो रहे हैं वहीं यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की इसको वर्चुअली संबोधित करने वाले हैं। इस बार इसका तापमान काफी बढ़ा हुआ रहने वाला है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 13 Nov 2022 03:48 PM (IST)
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जेलेंस्‍की चाहते हैं जी-20 ग्रुप से रूस की बर्खास्‍तगी
नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। इंडोनेशिया के बाली शहर में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए 15-16 नवंबर को विश्‍व के ताकतवर देशों का जमावड़ा होने वाला है। इसमें काफी समय के बाद अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग आमने सामने आने वाले हैं। इसमें रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह इस बार विदेश मंत्री सर्गी लावरोव इस सम्‍मेलन में शामिल होंगे। इस बीच यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की ने मांग की है कि रूस को इस ग्रुप से तुरंत बर्खास्‍त किया जाना चाहिए। 

पीएम मोदी भी होंगे शामिल 

इसके अलावा इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों समेत कई और नेता भी शामिल होंगे। जी-20 देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों का ये सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से विश्‍व को खाद्यान्न संकट और उर्जा संकट समेत कई दूसरी परेशानियों से भी जूझना पड़ रहा है।

वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत करने पर जोर 

जी20 देशों का ये सम्‍मेलन वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की मंशा और योजना को बनाने के लिए आयोजित किया गया है। 2008 की आर्थिक मंदी के बाद इस सम्‍मेलन को हर साल करने की शुरूआज हुई थी। आपको बता दें कि दुनिया का करीब 85 फीसद आर्थिक उत्पादन जी20 समूह के देशों में होता है। इसके अलावा करीब 75 फीसद कारोबार भी यही देश मिलकर करते हैं। इसके अलावा दुनिया की दो तिहाई आबादी भी इन्‍हीं देशों में रहती है।

ये हैं इसमें शामिल देश 

जी-20 देशों के समूह में यूरोपीय संघ समेत 19 देश शामिल हैं। इनमें कनाडा, चीन, फ्रांस, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, जापान, मैक्सिको, रूस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, तुर्की और ब्रिटेन शामिल हैं। इस बार इसमें स्पेन को भी बुलाया गया है। हर वर्ष इसका एक अलग अध्‍यक्ष बनता है जो इस सम्‍मेलन का एजेंडा तय करता है।

स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े मुद्दे भी होंगे चर्चा का हिस्‍सा 

क्‍योंकि इस बार इसका अध्‍यक्ष देश इंडोनेशिया है तो इसलिए वो इस सम्‍मेलन में महामारी के बाद स्वास्थ्य से जुड़े वैश्विक समाधानों और विश्‍व की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बारे में चर्चा करना चाहता है। इस दौरान होने वाली मुलाकातों में द्विपक्षीय रिश्‍तों पर मुलाकात और चर्चा भी होती है। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद पहली बार इस सम्‍मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस युद्ध की वजह से कई चुनौतियों को विश्‍व झेल रहा है। इसके अलावा

इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा 

इस बार जिन मुद्दों पर चर्चा होगी उनमें अमेरिका-चीन तनाव, बढ़ती महंगाई, मंदी का खतरा, उत्तर कोरिया और जलवायु परिवर्तन हैं। इस बार ये सम्‍मलेन इंडोनेशिया के बाली में हो रहा है। इस सम्‍मेलन की अहमियत को देखते हुए यूक्रेन ने मांग की है कि रूस को इससे बाहर कर दिया जाना चाहिए। इस सम्‍मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इसमें वर्चुअली शामिल होंगे। इससे पहले वो संयुक्‍त राष्‍ट्र की आम बैठक में भी इसी तरह से शरीक हुए थे।

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