आखिर क्यों बंद करनी पड़ी यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट की आखिरी यूनिट, यहां पर है इसका जवाब
यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र की आखिरी यूनिट के बंद होने से यूक्रेन समेत कई दूसरे देशों की चिंता बढ़ गई है। इस संयंत्र की गिनती दुनिया के दस सबसे बड़े न्यक्लियर प्लांट में ही जाती है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 05:52 PM (IST)
कीव (जेएनएन)। यूक्रेन में मोजूद यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र जपोरीजिया के आखिरी रिएक्टर को भी अब बंद कर दिया गया है। इसके बंद करने के साथ ही यूक्रेन की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। इस रिएक्टर के आसपास हो रहे हमलों को देखते हुए ही ये फैसला लिया गया है। अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) ने आशंका जताई थी कि युद्ध के बीच संयंत्र चालू रहने से परमाणु दुर्घटना हो सकती है। ऐसे में कई देश इसकी चपेट में आ सकते थे। हालांकि आइएईए ने ये भी माना है कि इससे खतरा पूरी तरह से टला नहीं है।
रिएक्टर को ठंडा करने की दिक्कत
आइएईए के मुताबिक इस संयंत्र की सुरक्षा के लिए बिजली का होना बेहद जरूरी है। इसके लिए यहां पर हमले रुकने बेहद जरूरी हैंं। पहले ही हमलों की वजह से जपोरीजिया परमाणु संयंत्र के कुछ ट्रांसफार्मर और बिजली के तार आदि नष्ट हो गए हैं। आपको बता दें कि छह रिएक्टरों वाला ये संयंत्र यूरोप का सबसे बड़े परमाणु संयंत्र है। इस पर युद्ध शुरू होने के कुछ सप्ताह बाद ही रूस ने कब्जा कर लिया था। यहां पर हो रहे हमलों के लिए यूक्रेन और रूस एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
डीजल आपूर्ति में बाधा
आइएईए का कहना है कि बिजली ठप होने से रिएक्टरों को ठंडा रखने में मुश्किल हो रही थी। शुरुआत में इसके लिए डीजल जेनरेटरों का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन बाद में हमलों के बढ़ने से डीजल की आपूर्ति भी लगभग बंद सी हो गई थी। इस वजह से ही इस संयंत्र की आखिरी यूनिट को बंद करने का फैसला लेना पड़ा।फ्रांस की रूस से अपील
इस परमाणु संयंत्र की सुरक्षा को लेकर कई बड़े देश चिंतित हैं। यही वजह है कि पिछले दिनों फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस बाबत बात की थी। उन्होंने रूस से अपील की थी कि वो वहां से अपनी सेना और हथियार हटा लें। राष्ट्रपति मैक्रों ने इसको संयंत्र की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया था। गौरतलब है कि जपोरीजिया परमाणु संयंत्र की गिनती दुनिया के दस बड़े संयंत्रों में की जाती है। यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरस समेत कई दूसरे नेताओं ने भी यहां पर हमले बंद करने की अपील की है।