पत्नी और बेटी की तस्वीरें जला दी, अमरुल्ला सालेह ने बताई काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद की कहानी
पूर्व उपराष्ट्रपति ने बताया है कि तालिबान के हमले के बाद क्या क्या हुआ। सालेह ने बताया कि काबुल पर कब्जे से एक रात पहले जेल के अंदर विद्रोह हुआ था। इसकी जानकारी सालेह को भी दी ई थी। उन्होंने गैर-तालिबानी कैदियों से संपर्क करने की कोशिश की थी।
By Neel RajputEdited By: Updated: Sun, 05 Sep 2021 11:22 AM (IST)
लंदन, एएनआइ। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद उसके जुल्म की अलग-अलग कहानियां सामने आ रही हैं। इस बीच खुद को देश का कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित कर चुके पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने एक लेख के जरिए कई बातों का खुलासा किया है। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अमरुल्ला कह चुके हैं कि वो तालिबान के सामने सरेंडर नहीं करेंगे। एक अखबार में छपे इस लेख में सालेह ने बताया कि कैसे उन्होंने तालिबान के कब्जे के बाद अपनी पत्नी और बेटी की तस्वीर को जला दिया था। उन्होंने अपने बाडीगार्ड से कहा था कि अगर मैं घायल हो गया तो मुझे गोली मार देना।
डेली मेल के लिए लिखे अपने इस लेख में पूर्व उपराष्ट्रपति ने बताया है कि तालिबान के हमले के बाद क्या क्या हुआ। सालेह ने बताया कि काबुल पर कब्जे से एक रात पहले, जेल के अंदर विद्रोह हुआ था। इसकी जानकारी सालेह को भी दी ई थी। उन्होंने गैर-तालिबानी कैदियों से संपर्क करने की कोशिश की थी। अगले दिन सुबह उन्होंने रक्षा मंत्री, आंतरिक मंत्री और उनके डेप्युट से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो सका। काबुल के पुलिस प्रमुख ने उनको सूचित किया कि वो एक घंटे तक मोर्चा संभाल सकते हैं।
सालेह ने आगे बताया कि उस एक घंटे के दौरान शहर में कहीं भी तैनात अफगान सैनिकों को खोजने में मैं असमर्थ था। उन्होंने कहा कि मैंने अपने राष्ट्रीय सलाहकार को यह कहने के लिए मैसेज किया कि हमें कुछ करना है। मुझे किसी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और 15 अगस्त की सुबह तक तालिबानी काबुल के पास पहुंच चुके थे। तालिबान ने जैसे ही काबुल पर अपनी पकड़ मजबूत की तो सालेह ने अहमद मसूद को संदेश भेजा।
उन्होंने बताया कि मैंने फिर अपने घर में जाकर अपनी पत्नी और बेटियों की तस्वीरें जलादीं। उन्होंने अपना कंप्यूटर और कुछ सामान इकट्ठा किया। सालेह ने अपने बाडीगार्ड से कहा कि अगर मैं घायल हो गया तो मुझे गोली मार देना। वहीं, पंजशीर पर तालिबानी कब्जे को अनरुल्ला सालेह ने नकार दिया है।