जनरल मनोज पांडे ब्रिटिश सॉवरेन परेड में हुए शामिल, 185 अधिकारी कैडेट की कमीशनिंग की समीक्षा की
भारतीय सेना प्रमुख मनोज पांडे ने संप्रभु के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिष्ठित रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट में सेना अधिकारियों के रूप में 185 अधिकारी कैडेट की कमीशनिंग की समीक्षा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि युद्धक उपकरणों की क्षमताओं को बढ़ाने वाली विध्वंसक प्रौद्योगिकी और नवाचार वर्तमान युद्धक्षेत्र को अधिक जटिल और घातक बना रहे हैं।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 11 Aug 2023 11:35 PM (IST)
लंदन, एएनआई। भारतीय सेना प्रमुख मनोज पांडे ने संप्रभु के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिष्ठित रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट में सेना अधिकारियों के रूप में 185 अधिकारी कैडेट की कमीशनिंग की समीक्षा की।
रॉयल मिलिट्री अकादमी ने सॉवरेन परेड की मेजबानी की, जहां 185 अधिकारी कैडेट कमीशन प्राप्त सेना अधिकारियों में तब्दील होंगे। यह बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम 11 अगस्त को गर्व और उपलब्धि के माहौल के बीच हुआ। बता दें कि रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट में सॉवरेन परेड एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है।
महामहिम की ओर से इस अवसर पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे उपस्थित थे। जनरल पांडे की उपस्थिति सैन्य बलों और राष्ट्रों के बीच सम्मानित संबंधों को रेखांकित करती है। परेड के सीनियर इंटेक का उनका निरीक्षण आपसी सम्मान और साझा आकांक्षाओं का प्रतिबिंब था।
क्या कुछ बोले भारतीय सेना प्रमुख?
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा,
जनरल पांडे ने न केवल परेड का निरीक्षण किया बल्कि नवनियुक्त अधिकारियों को प्रोत्साहन और प्रेरित करते हुए कार्यक्रम को संबोधित भी किया। साथ ही उन्होंने प्रतिष्ठित स्वोर्ड ऑफ ऑनर सहित पुरस्कार विजेताओं को अवॉर्ड सौंपे।युद्धक उपकरणों की क्षमताओं को बढ़ाने वाली विध्वंसक प्रौद्योगिकी और नवाचार वर्तमान युद्धक्षेत्र को अधिक जटिल और घातक बना रहे हैं।
कितने देशों के कैडेट हुए थे शामिल?
इस कार्यक्रम में 28 विभिन्न देशों के 43 कैडेट अपने ब्रिटिश समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मजबूती के साथ खड़े थे। सनद रहे कि जनरल पांडे को गुरुवार को ब्रिटेन की चार दिवसीय यात्रा की शुरुआत में लंदन में हॉर्स गार्ड्स परेड में एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर मिला था।
भारतीय सेना ने उनकी इस यात्रा को भारत और ब्रिटेन के बीच राजनयिक, सैन्य और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने तथा रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग और समझ को बढ़ावा देने के लिहाज से मील का पत्थर करार दिया है।