UK New PM: ब्रिटेन की नई पीएम ने महंगाई को नियंत्रित करने का किया वादा, कहा- ऊर्जा संकट को जड़ से करेंगी समाप्त
ट्रस ने कहा कि उनके पास कर कटौती और सुधारों के जरिये अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की साहसिक योजना है। उन्होंने वादा किया कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा छेड़े गए यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए ऊर्जा संकट से व्यावहारिक तरीके से निपटेंगी।
लंदन, एजेंसियां: ब्रिटेन की नवनियुक्त प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने मंगलवार को कहा कि एक महत्वपूर्ण समय में देश की जिम्मेदारी लेते हुए वह सम्मानित महसूस कर रही हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले भाषण में ट्रस (47) ने बढ़ती महंगाई को नियंत्रित कर लोगों की जिंदगी को आसान बनाने का वादा करते हुए कहा कि वह ब्रिटेन को एक आकांक्षा पैदा करने वाला राष्ट्र बनाएंगी।
ऊर्जा संकट से व्यावहारिक तरीके से निपटेंगी
ट्रस ने कहा कि उनके पास कर कटौती और सुधारों के जरिये अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की साहसिक योजना है। उन्होंने वादा किया कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा छेड़े गए यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए ऊर्जा संकट से व्यावहारिक तरीके से निपटेंगी। इससे पहले, कंजरवेटिव पार्टी की नेता ट्रस ने 96 वर्षीय महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से स्काटलैंड के एबर्डीनशायर में उनके बाल्मोरल कैसल स्थित आवास पर मुलाकात की और महारानी ने उन्हें औपचारिक रूप से ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी ट्रस
ट्रस महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासनकाल में देश की 15वीं प्रधानमंत्री हैं। उनके शासनकाल में पहले प्रधानमंत्री 1952 में विंस्टन चर्चिल थे। ट्रस देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। छह साल के भीतर कंजरवेटिव पार्टी की वह चौथी प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने महारानी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में ट्रस ने सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को पराजित किया था।
महंगाई है बड़ा मुद्दा
ब्रिटेन में फैली महंगाई एक ऐसा मुद्दा है जिस पर यदि लिज ने पार पा लिया तो वो खुद को बेहतर पीएम साबित कर सकेंगी। मौजूदा समय में महंगाई की दर 10 फीसद को पार कर चुकी है। जून में ये दर 9.4 फीसद थी। सरकारी आंकड़ों की मानें तो तीन देशक के बाद देश में महंगाई की दर अपने चरम पर दिखाई दे रही है। जनवरी में ही सके 11 फीसद तक जाने की आशंका जताई गई थी, उस वक्त ये 7 फीसद से कम थी। रोजगार की कमी और महंगाई में उछाल से देशवासियों के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं।