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Britain: हिंदुओं को रिझाने में जुटी ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी, ब्रिटिश भारतीयों से जुड़ने के लिए उठाए ये कदम

ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ब्रिटिश भारतीयों तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। 2021 की जनगणना के अनुसार भारतीय मूल के लोग ब्रिटेन में सबसे बड़े एशियाई जातीय समूह और सबसे बड़े गैर-श्वेत जातीय समूह दोनों हैं। यह आबादी का 3.1 प्रतिशत हिस्सा हैं। इस बात के सबूत बढ़ रहे हैं कि लेबर पार्टी ने भारतीय मूल के लोगों का समर्थन खो दिया है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sat, 03 Feb 2024 05:51 PM (IST)
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हिंदुओं को रिझाने में जुटी ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी (Image: Jagran)

पीटीआई, लंदन। हाल के वर्षों में भारतवंशियों के बीच पार्टी का समर्थन कम होने की चिंता के बीच ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ब्रिटिश भारतीयों तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने ब्रिटिश भारतीयों के साथ फिर से जुड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं।

इसमें समुदाय से जुड़े दो स्वयंसेवकों को नियुक्त करना, लेबर फ्रेंड्स आफ इंडिया समूह को नया स्वरूप देना और अपने दो वरिष्ठ शेडो मंत्रियों को भारत भेजने की तैयारी की है।

लेबर पार्टी ने खोया भारतीय मूल के लोगों का समर्थन

2021 की जनगणना के अनुसार, भारतीय मूल के लोग ब्रिटेन में सबसे बड़े एशियाई जातीय समूह और सबसे बड़े गैर-श्वेत जातीय समूह दोनों हैं। यह आबादी का 3.1 प्रतिशत हिस्सा हैं। इस बात के सबूत बढ़ रहे हैं कि लेबर पार्टी ने भारतीय मूल के लोगों का समर्थन खो दिया है। 2010 में 61 प्रतिशत ब्रिटिश भारतीयों ने कहा कि वे लेबर का समर्थन करते हैं।

वहीं, यह आंकड़ा 2019 तक घटकर 30 प्रतिशत रह गया। वरिष्ठ नेताओं को चिंता इसलिए भी है कि ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सुनक के होने से यह चलन बढ़ सकता है।

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