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चुनावी पर्चे पर पीएम मोदी-जानसन की तस्वीर को लेकर ब्रिटेन संसद में तकरार, जानें- क्या है पूरा मामला

जानसन ने पर्चे को नस्ली बताते हुए लेबर पार्टी से वापस लेने को कहा भारतीय समुदाय ने भी की निंदा। लेबर पार्टी के नेता इंग्लैंड के फुटबाल खिलाडि़यों द्वारा मैदान में झेले जाने वाले नस्ली दु‌र्व्यवहार का सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा विरोध नहीं किए जाने के मुद्दे पर अड़े दिखे।

By Nitin AroraEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 07:53 PM (IST)
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चुनावी पर्चे पर पीएम मोदी-जानसन की तस्वीर को लेकर ब्रिटेन संसद में तकरार, जानें- क्या है पूरा मामला

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन व विपक्षी नेता कीर स्टारमर के बीच उपचुनाव के एक पर्चे को लेकर हाउस आफ कामंस (निचले सदन) में तकरार हो गई। भारतीय समुदाय ने इस पर्चे को 'विभाजनकारी' व 'भारत विरोधी' करार दिया है।

प्रधानमंत्री से पूछे जाने वाले प्रश्न (पीएमक्यू) सत्र के दौरान नस्लवाद के मुद्दे पर तीखी बहस हुई। जानसन ने उस पर्चे को हाथ में लिया था, जिसमें वर्ष 2019 के जी-7 सम्मेलन के दौरान वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते हुए दिख रहे हैं। इस पर्चे पर एक संदेश लिखा है, 'टोरी सांसद का खतरा न लें, क्योंकि वह आपके पक्ष में नहीं है।' टोरी शब्द का प्रयोग कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों के लिए किया जाता है। जानसन ने लेबर पार्टी के नेता से मांग की कि वे पर्चो को वापस लें जिनका इस्तेमाल हाल में उत्तर इंग्लैंड के बैटले एंड स्पेन सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान इस्तेमाल किया गया था। यहां विपक्षी पार्टी को जीत मिली है। जानसन ने कहा, 'इस पर्चे को खुद लेबर पार्टी के नेताओं ने नस्ली करार देते हुए निंदा की थी।'

हालांकि, लेबर पार्टी के नेता इंग्लैंड के फुटबाल खिलाडि़यों द्वारा मैदान में झेले जाने वाले नस्ली दु‌र्व्यवहार का सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा विरोध नहीं किए जाने के मुद्दे पर अड़े दिखाई दिए। स्टारमर ने इस मुद्दे पर खासतौर पर गृहमंत्री प्रीति पटेल का संदर्भ दिया।

ब्रिटेन में रहने वाले उद्यमी व प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव अभियान दल के पूर्व सदस्य प्रोफसर मनोज लाडवा ने ट्वीट किया, 'यह बहुत ही निराशाजनक व परेशान करने वाला है कि लेबर नेता कीर स्टारमर ने उनकी पार्टी द्वारा हाल में संपन्न उपचुनाव के दौरान छपवाए नस्ली व भारत विरोधी पर्चे की निंदा करने से इन्कार कर दिया।' भारतीय मूल के सांसद निवेंदु मिश्र ने भी ट्विटर के जरिये विरोध दर्ज कराते हुए लिखा, 'नस्लवाद जिंदा है और वह भी लेबर पार्टी के भीतर।'

बता दें कि ओवरसीज फ्रेंड्स आफ बीजेपी (ओएफबीजेपी) समूह ने भी पर्चे का विरोध जताया था। यहां तक कि लेबर फ्रेंड्स आफइंडिया (एलएफआइएन) समूह ने भी तत्काल इस पर्चे को वापस लेने की मांग की थी।