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Epilepsy: मिर्गी को नियंत्रित करने के लिए मरीज की खोपड़ी में लगाया उपकरण, 80 फीसदी तक दौरे आने हुए कम

दुनिया में पहली बार मिर्गी को नियंत्रित करने के लिए मरीज की खोपड़ी में उपकरण लगाया गया है। ब्रिटेन के जिस लड़के की खोपड़ी में यह उपकरण लगाया गया उसका नाम ओरान नाल्सन है। उपकरण लगाए जाने के बाद मिर्गी के दौरे आने 80 प्रतिशत कम हो गए हैं। ओरान तीन साल की उम्र से लेनोक्स-गैस्टोट सिंड्रोम से पीडि़त है। यह सिंड्रोम मिर्गी का एक रूप है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 25 Jun 2024 06:00 AM (IST)
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मिर्गी को नियंत्रित करने के लिए मरीज की खोपड़ी में लगाया उपकरण
 पीटीआई, लंदन। दुनिया में पहली बार मिर्गी को नियंत्रित करने के लिए मरीज की खोपड़ी में उपकरण लगाया गया है। ब्रिटेन के जिस लड़के की खोपड़ी में यह उपकरण लगाया गया उसका नाम ओरान नाल्सन है। उसकी उम्र 13 वर्ष है। सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार उपकरण लगाए जाने के बाद मिर्गी के दौरे आने 80 प्रतिशत कम हो गए हैं। उपकरण लगाने के लिए सर्जरी अक्टूबर 2023 में हुई थी। ग्रेट आरमंड स्ट्रीट अस्पताल में परीक्षण के तहत की गई यह सर्जरी आठ घंटे चली थी।

परीक्षण यूनिवर्सिटी कालेज लंदन, किंग्स कालेज अस्पताल और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में किया गया। ओरान तीन साल की उम्र से लेनोक्स-गैस्टोट सिंड्रोम से पीडि़त है। यह सिंड्रोम मिर्गी का एक रूप है।

सर्जरी के बाद ओरान के जीवन में अच्छे बदलाव हुए

मस्तिष्क में इलेक्टि्रकल करेंट में गड़बड़ी के कारण मिर्गी के दौरे आते हैं। यह उपकरण असामान्य संकेतों को रोककर करंट की निरंतर पल्स को बनाए रखता है। ओरानकी मां ने बताया, सर्जरी के बाद ओरान के जीवन में अच्छे बदलाव हुए हैं। दौरे कम हो गए हैं।