अब बर्फ से ढकी सड़कों पर चलना होगा अासान, चलेगी रोबोटिक कार
रोबोट कार मार्टी का विकास फिनलैंड के वीटीटी तकनीकी अनुसंधान केंद्र में किया गया है। यह 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार हासिल करने में भी सफल रही है।
लंदन (प्रेट्र)। वैज्ञानिकों ने बर्फ से ढकी सड़कों पर चलने वाली पहली रोबोटिक कार विकसित करने में सफलता हासिल की है। इसका फायदा यह होगा कि बर्फ से ढकी सड़कों पर फंसे वाहनों को आसानी से इसकी मदद से निकाला जा सकेगा। ऐसा इसलिए कि यह कार फिसलन वाले हिस्से की पहचान कर लेगी और इसकी जानकारी पीछे आने वाले वाहनों को मिल सकेगी।
रोबोट कार मार्टी का विकास फिनलैंड के वीटीटी तकनीकी अनुसंधान केंद्र में किया गया है। यह 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार हासिल करने में भी सफल रही है। मार्टी अपने समकक्ष मैरिलिन की तरह ही कैमरा, एंटीना, सेंसर और लेजर स्कैनर से लैस है। गौर करने वाली बात यह है कि इसमें लगे तीन लेजर स्कैनर कार के आगे के वातावरण का ही अध्ययन करेंगे जबकि मैरिलिन में दो स्कैनर लगे थे। इनमें से एक आगे और एक पीछे नजर रखता है।
वीटीटी के रोबोट कार चालक दल के प्रोजेक्ट मैनेजर मट्टी कटिला ने कहा कि 2017 के वसंत में हमने स्वचालित कार मैरिलिन को ड्राइविंग सिखाई थी। इन सर्दियों में यह हमें बता रही है कि किस तरह मार्टी का निर्माण किया जाए ताकि यह मैरिलिन के साथ मिलकर जीपीएस से मिली जानकारी को पकड़ सके और रास्ते की जानकारी आगे दे सके। कटिला ने यह भी बताया कि मार्टी का निर्माण विशेष तौर पर मौसम की मांग को ध्यान में रखकर किया गया है जबकि मैरिलिन शहरी इलाकों में रानी की तरह काम कर रही है।
मार्टी को मुओनियो की इंटेलिजेंट रोड पर गहन प्रशिक्षण दिया गया है। कार को विकसित करने वाली टीम के प्रभारी एरी विर्तानेन ने बताया कि इसका निर्माण निर्धारित मानकों के तहत किया गया है। लगातार 24 घंटे के प्रशिक्षण के बाद इसने काम करना शुरू कर दिया है।
विर्तानेन ने यह भी बताया कि मैरिलिन के लिए बहुत अधिक काम करना पड़ा था, क्योंकि इसे नियंत्रित करने वाले सॉफ्टवेयर को स्क्रैच से बनाया गया था। लेकिन मार्टी में अधिक काम करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि इसमें भी उसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है। बस थोड़ा सामंजस्य बिठाना पड़ा। मार्टी को जब चलने की अनुमति दी गई तो वह 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच गई। कटिला ने कहा कि यह संभवत: बर्फ से ढकी सड़क पर बिना लेन मार्किंग के स्वचालित ड्राइविंग के मामले में एक नया विश्व रिकॉर्ड भी हो सकता है।
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