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UK Visa Policy: ग्रेजुएट रूट वीजा पर पीएम सुनक को डायरेक्ट पत्र, भारतीयों को लेकर कही ये बड़ी बात

UK Graduate Route Visa ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) कानूनी प्रवासन के आंकड़ों को कम करने के लिए पोस्ट स्टडी वीजा ( ग्रेजुएट रूट पॉलिसी) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं इस सिलसिले में विश्वविद्यालयों और छात्र समूहों ने मंगलवार को पीएम सुनक से देश में पढ़ाई के बाद भी इसे जारी रखने की पैरवी की।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Tue, 21 May 2024 04:33 PM (IST)
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ग्रेजुएट रूट वीजा पर विश्वविद्यालयों और छात्र समूहों ने पीएम सुनक को लिखा पत्र।
पीटीआई, लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) कानूनी प्रवासन के आंकड़ों को कम करने के लिए पोस्ट स्टडी वीजा (ग्रेजुएट रूट पॉलिसी) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं, इस सिलसिले में विश्वविद्यालयों और छात्र समूहों ने मंगलवार को पीएम सुनक से देश में पढ़ाई के बाद भी इसे जारी रखने की पैरवी की। पोस्ट स्टडी वीजा स्नातकों को उनके डिग्री कोर्स के बाद दो साल तक रहने और काम करने की अनुमति देता है।

ग्रेजुएट रूट समाप्त करने पर विचार कर रहे पीएम सुनक

मालूम हो कि पीएम सुनक आम चुनाव से पहले बढ़ते प्रवासन आंकड़ों को कम करने के लिए ग्रेजुएट रूट को प्रतिबंधित या खत्म करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, करीब 30 विश्वविद्यालय के कुलपतियों और नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनाई एसोसिएशन (NISAU) यूके के एक समूह ने पीएम कार्यालय को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने  ग्रेजुएट वीजा योजना को बनाए रखने की अपील की।

काम करने का अवसर देता है ग्रेजुएट रूट पॉलिसी

पीएम सुनक को संबोधित NISAU- UK पत्र में कहा गया है कि 70 प्रतिशत भारतीय छात्रों ने हमें बताया है कि जब वह किसी अन्य देशों में पढ़ाई के लिए सोचते हैं  तो उनका पहला ध्यान ब्रिटेन आता है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय छात्रों का मानना है कि ग्रेजुएट रूट अस्थायी अवधि के लिए काम करने का अवसर देता है। वहीं, कंसल्टेंसी लंदन इकोनॉमिक्स के आंकड़ों को मुताबिक, इस एकल समूह से यूके की अर्थव्यवस्था को 37 बिलियन पाउंड का शुद्ध आर्थिक लाभ होता है।

भारतीय छात्रों पर पड़ेगा सबसे अधिक असर

पत्र में कहा गया है कि साल 2021 से 2023 के बीच इस योजना के तहत  89,200 वीजा जारी किया गया, जो  कुल अनुदानों का 42 प्रतिशत हिस्सा है। मालूम हो कि इस वीजा योजना के तालिका में भारत पहले स्थान पर है। अगर ग्रेजुएट रूट पॉलिसी पर अगर किसी तरह का कोई प्रतिबंध लगाया जाता है, तो सबसे अधिक भारतीय छात्र इससे प्रभावित होंगे। 

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