India Canada Row: 'कनाडा ने भारत को अभी तक सबूत नहीं दिए', विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में ट्रूडो को सुनाई खरी-खरी
India Canada Row भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (15 नवंबर) को कनाडा को दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत किसी जांच से इनकार नहीं कर रहा है लेकिन हम कनाडा से खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता के लगाए गए आरोपों को लेकर सबूत मुहैया कराने को कर रहे हैं।
पीटीआई, लंदन। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (15 नवंबर) को कनाडा को दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत किसी जांच से इनकार नहीं कर रहा है, लेकिन हम कनाडा से खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता के लगाए गए आरोपों को लेकर सबूत मुहैया कराने को कर रहे हैं।
जयशंकर ने यह बातें लंदन में पत्रकार लियोनेल बार्बर के साथ एक कार्यक्रम में कही। ब्रिटेन की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर आए एस जयशंकर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "अगर आपके पास ऐसा आरोप लगाने का कोई कारण है तो कृपया सबूत साझा करें क्योंकि हम जांच से इनकार नहीं कर रहे हैं।"
कनाडा ने भारत के साथ कोई सबूत शेयर नहीं किया- जयशंकर
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कनाडा ने अपने आरोप के समर्थन में भारत के साथ कोई सबूत शेयर नहीं किया है। बता दें कि 18 जून को कनाडा के सरे शहर में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी।
ट्रूडो का बयान बना तनाव की वजह
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो देश की संसद में बयान देकर भारत सरकार पर आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया। हालांकि, भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताकर सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं, भारत ने साल 2020 में ही निज्जर को आतंकवादी घोषित कर दिया था।
स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग करना बहुत गलत है- जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि भाषण की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है और उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा।
उन्होंने कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमले और महावाणिज्य दूतावास पर बम से हमलों को याद करते हुए कहा कि भारतीय राजनयिकों को सार्वजनिक रूप से डराया गया था, कनाडाई अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
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