भारत ने ब्रिटेन के साथ माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप को लेकर सुएला ब्रेवरमैन के बयान पर जताई आपत्ति
ब्रिटेन में भारत के उच्चायोग ने गुरुवार को वहां की भारतवंशी गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के उस दावे पर आपत्ति व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा था कि माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप (एमएमपी) ने बहुत अच्छा काम नहीं किया।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 07 Oct 2022 04:30 AM (IST)
लंदन, प्रेट्र: ब्रिटेन में भारत के उच्चायोग ने गुरुवार को वहां की भारतवंशी गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के उस दावे पर आपत्ति व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा था कि माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप (एमएमपी) ने बहुत अच्छा काम नहीं किया। उच्चायोग ने कहा कि समझौते के तहत उसके समक्ष उठाए गए सभी मामलों पर भारत ने कार्रवाई शुरू की थी। 'द स्पेक्टेटर' को दिए साक्षात्कार के बारे में ब्रेवरमैन ने भारतीयों को ऐसा लोगों का विशाल समूह करार दिया था जो ब्रिटेन में वीजा अवधि से अधिक समय तक रुकते हैं। इस बारे में पूछे जाने पर उच्चायोग ने कहा कि भारत पिछले साल हस्ताक्षरित एमएमपी के तहत ब्रिटेन सरकार द्वारा जताई गई कुछ प्रतिबद्धताओं पर प्रदर्शनयोग्य प्रगति का इंतजार कर रहा है।
भारत अपने कर्तव्यों के लिए प्रतिबद्ध
उच्चायोग ने एक बयान में कहा, 'माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप के तहत व्यापक बातचीत के हिस्से के रूप में भारत अपने उन नागरिकों की वापसी में मदद के लिए ब्रिटेन सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है जो अपनी वीजा अवधि से अधिक रुक गए हैं।' भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर ब्रेवरमैन की वीजा संबंधी आपत्तियों के बारे में उच्चायोग ने कहा कि भविष्य की कोई भी व्यवस्था परस्पर लाभ के लिए होगी। पिछले महीने गृह कार्यालय का कार्यभार संभालने वाली ब्रेवरमैन ने भारत के साथ एफटीए पर चिंता व्यक्त की थी और उसे खुली सीमाओं वाली माइग्रेशन पालिसी करार दिया था।