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London: भारतीय मूल के नागरिक की अस्पताल में हुई मौत, पिता ने चलाया 'पेशेंट्स लाइव्स मैटर' अभियान

भारतीय मूल के जय पटेल ने पेशेंट्स लाइव्स मैटर को रजिस्टर किया था जब उनके 30 वर्षीय बेटे बलराम की लंदन के एक अस्पताल में इलाज और देखभाल के दौरान मौत हो गई थी। भारतीय मूल के जय पटेल ने इसके लिए एक नई चैरिटी फाउंडेशन शुरू की है। सरकार घटना के बाद कदम उठा रही है ताकि यह देखा जा सके कि उपचार के दौरान क्या गलत हुआ था।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 25 Sep 2023 03:46 PM (IST)
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लंदन के अस्पताल में हुई 30 वर्षीय भारतीय मूल की मौत (Image: Representative)
लंदन, PTI। लंदन के एक अस्पताल में अपने 30 साल के बेटे की मौत के बाद पिता ने ब्रिटेन में 'मरीजों के अधिकारों' के लिए अभियान चलाया। भारतीय मूल के जय पटेल ने इसके लिए एक नई चैरिटी फाउंडेशन शुरू की है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जय पटेल ने इस महीने की शुरुआत में 'पेशेंट्स लाइव्स मैटर' कैंपेन को रजिस्टर किया था। दरअसल, जय के 30 साल के बेटे बलराम का लंदन के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। पिता ने आरोप लगाए है कि बेटे की मौत अस्पताल में इलाज और देखभाल की कमी के कारण हुई। हालांकि, कोरोनर के कार्यालय ने पिता को सूचित किया कि वह बलराम की मौत के बाद की स्थितियों की जांच शुरू कर रहा है।

सरकार घटना की कर रही जांच

नई फाउंडेशन के लिए एक मिशन वक्तव्य में जय ने कहा, 'अस्पताल सलाहकार और कई कर्मचारियों की ओर से उपचार और देखभाल में त्रुटियों और विफलताओं के कारण, बलराम की मृत्यु बहुत दर्द, असुविधा के साथ और समय से पहले हो गई। सरकार 'घटना के बाद' कदम उठा रही है ताकि यह देखा जा सके कि उपचार के दौरान क्या गलत हुआ था। घटना के समय मरीज को कम या कोई नुकसान न हो इसके लिए भी कोई सही कदम नहीं उठाए गए।

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पेशेंट्स लाइव्स मैटर से क्या होगा?

जय पटेल संसद में पैरवी करना चाहते हैं और बदलाव लाना चाहते हैं। बता दें कि उनका बेटा छह जानलेवा बीमारी से पीड़ित था। जय ने कहा, 'हमें अपने बलराम को खोने का बहुत दुख है, लेकिन हमें दुख इस बात का है कि वह अपने समय से पहले ही बहुत दर्द से गुजर गया और इसका बड़ा कारण देखभाल की कमी, अनुचित चिकित्सा उपचार और उचित उपचार में देरी थी।

अब कोरोनर की जांच शुरू कर दी गई है और कोरोनर बलराम के उपचार और उपचार में देरी की जांच कर रहा है। पेशेंट्स लाइव्स मैटर के माध्यम से, वह स्वतंत्र संस्था के साथ मेडिकल ट्रीटमेंट पर दूसरी राय की दिशा में सरल कदम उठाने के लिए अभियान चला रहे हैं।

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