ब्रिटेन का नागरिक है इजरायल पर हमले का मास्टरमाइंड, गाजा से लंदन में आकर जी रहा आलीशान जिंदगी; खुफिया एजेंसी भी मौन
हमास का मास्टरमाइंड लंदन में बतौर ब्रिटिश नागरिक रहा है। उसका नाम मोहम्मद बिन सवालहा है। वह गाजा से भागकर ब्रिटेन आया था। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी की नजरों में आने पर भी उसे नहीं रोका गया। वर्ष 2009 में सवालहा ने एक घोषणापत्र जारी किया जिसमें अल्लाह की स्तुति करते हुए यहूदियों के सफाए का एलान किया गया था।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 22 Oct 2023 10:14 PM (IST)
आइएएनएस, लंदन। Israel War 2023: इजरायल पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास का प्रमुख आतंकी मोहम्मद कासिम सवालहा लंदन के एक फ्लैट में रहता है, जिसे उसने कई साल पहले स्थानीय बारनेट काउंसिल से खरीदा था। ब्रिटिश नागरिक बन चुका यह फलस्तीनी आतंकी ब्रिटेन से ही अपनी साजिशों को अंजाम दे रहा है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआइ-5 की नजरों में आने के बावजूद उसे रोकने के लिए कभी कुछ नहीं किया गया।
गाजा से भागकर ब्रिटेन पहुंचा सवालहा
द संडे टाइम्स की सनसनीखेज रिपोर्ट में बताया गया है कि 62 वर्षीय मोहम्मद कासिम सवालहा 1990 के सालों में फलस्तीन के कब्जे वाले गाजा से भागकर ब्रिटेन आ गया था। तब इजरायली सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकते हुए वह अपने एक रिश्तेदार के पासपोर्ट पर ब्रिटेन में आ गया। यहां आकर उसने ब्रिटेन की नागरिकता भी हासिल कर ली। उसे वर्ष 2000 की शुरुआत में ही ब्रिटिश पासपोर्ट मिल गया।
लंदन में रहकर हमास के लिए किया काम
वर्ष 2004 में अमेरिका के न्याय विभाग ने मोहम्मद कासिम सवालहा के इजरायल के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को वित्तीय सहायता देने के संकेत दिए। इन आरोपों के लगने के बावजूद उसने लंदन में रहते हुए हमास के लिए काम करना जारी रखा।यह भी पढ़ें: गाजा, सीरिया और वेस्ट बैंक, तीनों को टारगेट कर हमला कर रहा इजरायल; मानवीय संकट के बीच 23 लाख लोगों ने छोड़ा घर
वर्ष 2006 में बीबीसी के एक कार्यक्रम में बताया गया कि वह हमास की राजनीतिक और सैन्य रणनीतियों को बनाता है। इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआइ5 को सवालहा के बारे में पूरी खबर है। इसके बावजूद वह उसे ब्रिटेन में आराम से ऑपरेट करने दे रहे हैं।
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स्काटलैंड यार्ड की एंटी टेरेरिस्ट यूनिट ने जून, 2020 में बयान जारी कर कहा कि उसके खिलाफ सुबूत नहीं मिले हैं। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। ब्रिटेन ने हमास की सैन्य विंग को वर्ष 2001 में एक आतंकी संगठन माना था, लेकिन वर्ष 2021 से पहले हमास को पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं किया था।