मालूम नहीं कितने जिंदा बमों पर बैठा है यूरोप, कहीं कभी हो न जाए विस्फोट!
1939 से 1945 तक चले इस युद्ध में लगभग 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं शामिल थीं। लेकिन अब भी जहां तहां इस दौरान गिराए गए बमों की बरामदगी लोगों को दहशत में ला देती है।
नई दिल्ली स्पेशल डेस्क। द्वितीय विश्व युद्ध की भयावहता किसी से छिपी नहीं है। इसका दुखदायी अंत भी किसी से नहीं छिपा है। एक झटके में जापान में लाखों लोग हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गई एटम बम की चपेट में आकर मारे गए थे। 1939 से 1945 तक चले इस युद्ध में लगभग 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं शामिल थीं। यह भी कहा जाता रहा है कि इस युद्ध में करीब 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया था और करीब 5 से 7 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध कहा जाता है। मानव इतिहास के इस भयंकर युद्ध के दौरान कितने बम कहां-कहां गिराए गए यह शायद कहीं भी लिखित में स्पष्ट तौर पर नहीं है। लेकिन अब भी जहां तहां इस दौरान गिराए गए बमों की बरामदगी लोगों को दहशत में ला देती है।जर्मनी के पोलैंड पर हमले से शुरू हुआ था युद्ध
माना जाता है कि इस युद्ध की शुरुआत 1 सितंबर 1939 को जर्मनी के पोलैंड पर हमला करने से शुरू हुई थी। इसके बाद फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। लिहाजा बम जर्मनी, फ्रांस, जापान और ब्रिटेन में खूब गिराए गए। इनमें से कुछ ने तबाही मचाई तो कुछ बिना फटे ही वर्षों तक जमीन में धंसे रहे, जिनका पता अब धीरे-धीरे चल रहा है। ऐसा ही एक बम लंदन की टेम्स नदी में मिला, जिसके बाद वहां अफरातफरी मच गई।पहले भी मिला था लंदन में बम
आपको बता दें कि पिछले वर्ष मार्च में भी लंदन के एक स्कूल के पास दूसरे विश्व युद्ध का बम मिला था। करीब ढाई सौ किग्रा वजनी यह बम स्कूल के नजदीक ब्रॉंड्सबरी पार्क में जमीन में गड़ा मिला था। रॉयल इंजीनियर्स ने बाद में इसको सफलतापूर्वक डिफ्यूज कर दिया था।
जर्मनी
अगस्त 2017 में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर से एक जिंदा बम मिला था। इसको सुरक्षित खत्म करने की लिए इस इलाके के 80 हजार लोगों को जगह खाली करने का फरमान सुनाया गया था। यह बम 1400 किलो का था और यह ब्रिटेन का था। जर्मनी मीडिया ने बताया था कि इसके धमाके से आसपास की कई इमारतें ध्वस्त हो सकती थीं। यह बम यहां पर एक इमारत के निर्माण कार्य के दौरान मिला था जिसमें 1.4 टन विस्फोटक पदार्थ था। इसको वहां की आर्मी ने सफलतापूर्वक निष्क्रय कर दिया था।इसके अलावा 2016 में क्रिसमस के दिन जर्मनी के आउग्सबुर्ग शहर में दूसरे विश्व युद्ध में गिराया गया एक जिंदा बम मिला था। इसकी वजह से पूरे शहर को खाली करना पड़ा था। यह बम करीब दो टन वजनी था। आउग्सबुर्ग में मिला यह अब तक का सबसे बड़ा बम था जिसे ब्रिटेन की सेना ने गिराया था।हॉंगकॉंगइसी वर्ष जनवरी में हॉंगकॉंग में पुलिस को द्वितीय विश्व युद्ध के समय का एक बम मिला था जिसे एक घंटे चले अभियान के बाद सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया गया था। यह बम वांचाई नगर की घनी बस्ती में एक निर्माणाधीन इमारत के पास मजदूरों को दिखाई दिया था। इसका वजन करीब 1000 पाउंड था। इससे पहले भी हॉंगकॉंग में इस तरह का बम मिल चुका है। इसको सफलतापूर्वक निष्क्रय करने के लिए पुलिस ने यहां के करीब 2000 लोगों को इलाके से दूर हटने का निर्देश दिया था। यह एक सामान्य बम था जिसकी विखंडन क्षमता 1000 मीटर से 2000 मीटर तक थी। पुलिस का कहना था कि यह एएन-एम65 बम अमेरिका ने 1941 से 1945 के बीच गिराया होगा।हाफिज सईद को आतंकी घोषित करने के पीछे पाक को हो सकता है भारत समेत इनका डरशांति की तरफ उत्तर और दक्षिण कोरिया का एक बड़ा कदम, लेकिन रोड़ा बन सकता है यूएस