London: पाकिस्तान जैसे देशों के चरमपंथी प्रचारकों को ब्रिटेन में प्रवेश से रोका जाएगा, सूची बनाने की हो रही तैयारी
ब्रिटिश सरकार पाकिस्तान अफगानिस्तान और इंडोनेशिया जैसे देशों के चरमपंथी नफरत फैलाने वाले प्रचारकों को ब्रिटेन में प्रवेश करने से रोकने की तैयार कर रही है। द डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार चरमपंथी गतिविधियों में वृद्धि से चिंतित है। अधिकारियों को विदेशों से सबसे खतरनाक चरमपंथियों की पहचान करने के लिए नियुक्त किया जा रहा है ताकि उन्हें वीजा चेतावनी सूची से जोड़ा जा सके।
पीटीआई, लंदन। ब्रिटिश सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया जैसे देशों के चरमपंथी नफरत फैलाने वाले प्रचारकों को ब्रिटेन में प्रवेश करने से रोकने की तैयार कर रही है। 'द डेली टेलीग्राफ' की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार चरमपंथी गतिविधियों में वृद्धि से चिंतित है। अधिकारियों को विदेशों से सबसे खतरनाक चरमपंथियों की पहचान करने के लिए नियुक्त किया जा रहा है, ताकि उन्हें वीजा चेतावनी सूची से जोड़ा जा सके।
नई योजना के तहत, सूची में शामिल लोगों को स्वचालित प्रक्रिया अपने आप ब्रिटेन में प्रवेश से रोक देगी। यह जानकारी ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा लंदन में 10 डाउनिंग स्ट्रीट के मंच से भाषण देने के कुछ दिनों बाद आई है। इसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि देश के लोकतांत्रिक और बहु-आस्था मूल्य चरमपंथियों द्वारा खतरे में हैं। सुनक ने कहा था कि हम देश में उन लोगों को प्रवेश करने से रोकने के लिए भी कार्रवाई करेंगे, जिनका उद्देश्य इसके मूल्यों को कमजोर करना है।
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उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने निर्देश दिया है कि अगर वीजा पर आए लोग विरोध प्रदर्शनों में नफरत फैलाते हैं या लोगों को डराने की कोशिश करते हैं तो हम यहां रहने का उनका अधिकार छीन लेंगे। ब्रिटिश भारतीय नेता ने इजरायल-हमास संघर्ष के विरोध में देश की सड़कों पर उतर रहे प्रदर्शनकारियों से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की थी कि उनके कार्यों को चरमपंथियों द्वारा नियंत्रित न किया जाए।
उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया है कि हम सब विभाजनकारी ताकतों से लड़ने के लिए साथ खड़े हों और इसे हराएं। हमें उन चरमपंथियों का सामना करना चाहिए जो हमें तोड़ देंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए था कहा कि इस्लामिक चरमपंथी और धुर दक्षिणपंथी एक-दूसरे को बढ़ावा देते हैं।