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London: जिहादी शमीमा बेगम ब्रिटेन की नागरिकता पाने की कानूनी जंग हारी, सीरिया में शरणार्थी शिविर में रह रही है

ब्रिटेन से भाग कर इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकी समूह में शामिल होने वाली लंदन में जन्मी बांग्लादेशी मूल की शमीमा बेगम ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करने की एक और कानूनी लड़ाई हार गई। अपनी दो सहेलियों के साथ ब्रिटेन से भागते समय शमीमा 15 वर्ष की स्कूली छात्रा थी। सीरिया में एक डच आईएस लड़ाके से शादी करने के बाद शमीमा बेगम जिहादी दुल्हन के रूप में सामने आई।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Sat, 24 Feb 2024 06:51 AM (IST)
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लंदन में जन्मी बांग्लादेशी मूल की शमीमा बेगम ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करने की एक और कानूनी लड़ाई हार गई।
पीटीआई, लंदन। ब्रिटेन से भाग कर इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकी समूह में शामिल होने वाली लंदन में जन्मी बांग्लादेशी मूल की शमीमा बेगम ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करने की एक और कानूनी लड़ाई हार गई। अपनी दो सहेलियों के साथ ब्रिटेन से भागते समय शमीमा 15 वर्ष की स्कूली छात्रा थी।

सीरिया में एक डच आईएस लड़ाके से शादी करने के बाद शमीमा बेगम जिहादी दुल्हन के रूप में सामने आई। वर्तमान में 24 वर्षीया शमीमा उत्तरी सीरिया में एक शरणार्थी शिविर में रह रही है। शमीमा के तीन बच्चे हुए थे जिनकी बाद में मौत हो गई। इससे पहले 2022 में ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट ने शमीमा के ब्रिटेन लौटने पर प्रतिबंध के फैसले को बरकरार रखा था।

पिछले वर्ष फरवरी में विशेष आव्रजन अपील आयोग (एसआईएसी) में अपना केस हार जाने के बाद शमीमा अपील कोर्ट पहुंची थी, लेकिन न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से विशेष ट्रिब्यूनल के फैसले से सहमति जताई। पिछले वर्ष विशेषज्ञ ट्रिब्यूनल ने तत्कालीन गृह मंत्री साजिद जावेद के फैसले को स्वीकार किया था। जावेद ने कहा था कि शमीमा की ब्रिटिश नागरिकता समाप्त करना राष्ट्रीय सुरक्षा आकलन का अभिन्न हिस्सा था।