Lucy Letby: भारतीय मूल के डॉक्टर की मदद से हुआ 7 बच्चों की कातिल नर्स का खुलासा, आजीवन कारावास की मिली सजा
सात बच्चों की हत्या और 6 अन्य की हत्या का प्रयास करने के जुर्म में नर्स लूसी लेटबी को दोषी पाया गया। उसे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। लूसी के अपराधों का पर्दाफाश करने के पीछे भारतीय मूल के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.रवि जयराम है। बता दें कि लुसी ने सात बच्चों की हत्या और 6 अन्य की हत्या का प्रयास करने की कोशिश की थी।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 22 Aug 2023 08:45 AM (IST)
लंदन, एजेंसी। उत्तरी इंग्लैड के एक अस्पताल में काम करने वाली नर्स लूसी लेटबी को सात बच्चों की हत्या और 6 अन्य की हत्या का प्रयास करने के जुर्म में दोषी पाया गया। ब्रिटिश कोर्ट ने लूसी को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जस्टिस जेम्स गॉस ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अपराधों की गंभीरता को देखते हुए 33 वर्षीय लूसी को अंतिम जीवन तक जेल में ही बिताना होगा। लूसी के अपराधों का पर्दाफाश करने के पीछे भारतीय मूल के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.रवि जयराम है। वह उत्तरी इंग्लैंड के चेस्टर में काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल में बतौर डॉक्टर काम करते है। ब्रिटेन की एक अदालत द्वारा दोषी पाई गई नर्स को दोषी ठहराने में रवि जयराम ने काफी मदद की थी।
कौन हैं डॉ. रवि जयराम?
डॉ. रवि जयराम काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल में एक सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ हैं। 10 वर्षों से अधिक समय तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा या एनएचएस (NHS) में काम करने के बाद, जयराम ने अपना अंडरग्रेजुएट न्यूकैसल-अपॉन-टाइन में किया और इंग्लैंड के उत्तर-पूर्व, ब्रिस्टल, न्यू साउथ वेल्स और लंदन में बाल चिकित्सा में ट्रेनिंग हासिल की।जयराम बाल स्वास्थ्य के कई पहलुओं पर ध्यान देते रहे हैं, लेकिन अस्थमा, सिस्टिक फाइब्रोसिस और बचपन के अन्य फेफड़ों के विकारों के साथ-साथ व्यवहारिक बाल चिकित्सा, चिकित्सा शिक्षा और गंभीर रूप से बीमार बच्चों की देखभाल में उनकी विशेष रुचि है।
डॉक्टर ने नर्स को पकड़ने में कैसे मदद की?
डॉ. रवि जयराम ने कहा कि उनमें से कुछ बच्चों की जान बचाई जा सकती थी अगर पूर्व नर्स लुसी लेटबी की चिंताओं पर ध्यान दिया गया होता और पुलिस जल्द ही सतर्क हो गई होती।कोर्ट के फैसले के बाद एक टेलीविजन साक्षात्कार में जयराम ने 'आईटीवी न्यूज' को बताया, 'मैं वास्तव में मानता हूं कि चार या पांच बच्चे ऐसे हैं जो अब स्कूल जा सकते हैं, लेकिन नहीं जा रहे हैं।'उन्होंने चैनल को बताया कि जून 2015 में तीन शिशुओं की मृत्यु के बाद सलाहकारों ने पहली बार इस मामले को संज्ञान में लिया। जैसे-जैसे बच्चों की मौत की संख्या बढ़ने लगी, वरिष्ठ चिकित्सकों ने लेटबी के बारे में अपनी चिंताओं को उठाने के लिए अस्पताल के अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।
आखिरकार, अप्रैल 2017 में एनएचएस ट्रस्ट ने डॉक्टरों को एक पुलिस अधिकारी से मिलने की अनुमति दी। जयराम ने कहा, '10 मिनट से भी कम समय तक हमारी बात सुनने के बाद पुलिस को एहसास हुआ कि यह मामला काफी गंभीर है। कुछ ही समय बाद, एक जांच शुरू की गई जिससे लेटबी को गिरफ्तार किया जा सके।