शिवाजी के 'वाघ नख' को स्वेदश लाने की तैयारी पूरी, लंदन में महाराष्ट्र सरकार ने साइन किया MoU
महराष्ट्र सरकार के मंत्री सुधीर मनगंटीवार और उदय सामंत ने लंदन में स्थित विक्टोरिया और अलबर्ट संग्रहालय के साथ वाघ नख को भारत वापस लाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कर लिया है। ये बाघ शावक नवंबर 2023 से नवंबर 2026 तक तीन साल की अवधि के लिए भारत में रहेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आज का क्षण सभी शिवाजी प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक है।
एएनआई, लंदन। छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के वाघनख (बाघ के पंजे जैसा लोहे का हथियार) (Wagh Nakh) को भारत लाने के लिए मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार ने लंदन स्थित विक्टोरिया एंड अल्बर्ट (वीएंडए) संग्रहालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी ने इसी वाघनख की मदद से 1659 में प्रतिद्वंद्वी बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान का वध किया था।
महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और वीएंडए संग्रहालय के निदेशक डॉ. ट्रिस्ट्राम हंट ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
वाघनख के उत्पत्ति के शोध में मिलेगी मदद: हंट
हंट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पूरे महाराष्ट्र में वाघनख के प्रदर्शन के दौरान इसके इतिहास और उत्पत्ति को लेकर और शोध करने में मदद मिलेगी। छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होने जा रहे हैं। महाराष्ट्र में इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनियों में इस वाघनख को दर्शाया जाएगा। इसे तीन साल के लिए भारत को सौंपा गया है।
(फोटो सोर्स: एएनआई)
इन संग्राहलयों में रखा जाएगा वाघ नाख
ये बाघ शावक नवंबर 2023 से नवंबर 2026 तक तीन साल की अवधि के लिए भारत में रहेंगे। इन बाघ शावकों को शिव प्रेमियों और इतिहास प्रेमियों के देखने के लिए महाराष्ट्र के विभिन्न संग्रहालयों में रखा जाएगा। इसमें सतारा, नागपुर, कोल्हापुर में राज्य पुरातत्व विभाग के संग्रहालय और मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय शामिल होंगे।
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शिवाजी प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक क्षण: एकनाथ शिंदे
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आज का क्षण सभी शिवाजी प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक है। छत्रपति शिवाजी की 350वीं राज्याभिषेक वर्षगांठ प्रदेश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस वर्ष हम छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम के प्रतीक इन बाघ के पंजों से बने वाघ नाख को शिवाजी की भूमि में ला रहे हैं।
(फोटो सोर्स: एएनआई)
उन्होंने कहा कि भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसा दृष्टिकोण रखने वाला कोई दूसरा राजा नहीं हुआ। इस वाघ नाख के जरिए लोग शिवाजी महाराज के साहस को समझ सकेंगे।
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