Virtual Harassment: दरिंदगी की हदें पार, नाबालिग लड़की के 'Avatar' के साथ किया घिनौना काम; Live देखी वीडियो तो....
ब्रिटिश पुलिस वर्तमान में एक ऐसे मामले की जांच कर रही है जहां मेटावर्स गेम में एक लड़की के वीआर अवतार के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार 16 वर्षीय लड़की एक इमर्सिव गेम में वर्चुअल रियलिटी (वीआर) हेडसेट का उपयोग कर रही थी जब उसके अवतार पर कथित तौर पर कई पुरुषों का प्रतिनिधित्व करने वाले अवतारों द्वारा दुष्कर्म किया गया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ये असली दुनिया हैं जहां हम चीजों को महसूस और छू भी सकते हैं। वहीं, इसके उलट एक मेटावर्स की दुनिया है जो इंटरनेट के माध्यम से जी जाती है। इस मेटावर्स की दुनिया में आपके और हमारे अवतार भी होते है। इस मेटावर्स की दुनिया में एंट्री करने के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट का होना बहुत जरूरी है।
बता दें कि असल दुनिया में दुष्कर्म, हत्याएं जैसे कई वारदात होते है, जिसपर पुलिस कार्रवाई करती है और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा भी सुनाई जाती है। अगर ऐसी ही घटनाएं मेटावर्स की दुनिया में हो तो आप क्या करेंगे? क्या पुलिस कार्रवाई करेगी और क्या आरोपियों को ढूंढना आसान होगा?
16 साल की पीड़िता से साथ वर्चुअल दुष्कर्म
दरअसल, लंदन से इसी से संबधित एक गंभीर मामला सामने आया है। वर्चुअल रियलिटी वीडियो गेम में एक 16 साल की नाबालिग के अवतार के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। पुलिस मेटावर्स में दुष्कर्म के पहले मामले की जांच में जुट गई है।डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेटावर्स में नाबालिग के अवतार के साथ ऑनलाइन अजनबियों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म हुआ जिससे वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गई है। हालांकि, ये वर्चुअल दुनिया में घटना घटी इसलिए हेडसेट पहनी पीड़िता को कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा पर उसे वास्तविक दुनिया में दुष्कर्म का शिकार हुई किसी महिला के समान मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक आघात पहुंचा है।
5 से 10 साल के बच्चे भी करते इसका इस्तेमाल
जानकारी के लिए बता दें कि 'वीआर' अनुभव को पूरी तरह से रियल बनाने के लिए इसे डिजाइन किया गया है। माना जा रहा है कि ब्रिटेन में यह पहली बार है कि किसी वर्चुअल यौन अपराध की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। NSPCC का अनुमान है कि पांच से दस वर्ष की आयु के 15 प्रतिशत बच्चों ने इसका उपयोग किया है और 6 प्रतिशत रोजाना इसका इस्तेमाल करते रहते है।वर्चुअल यौन अपराध पर बने कानून
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ऑनलाइन रूम में कई इंटरनेट यूजर्स के साथ मौजूद थी जब उसके साथ ये हादसा हुआ। पुलिस अब ऐसे वर्चुअल यौन अपराध से निपटने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। उनके मुताबिक, बच्चों का शोषण करने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है जिसे रोकना बेहद जरूरी है। इस ऐतिहासिक मामले ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पुलिस को वर्चुअल अपराध पर कार्रवाई करनी चाहिए? क्या इस तरह के मामले पर मौजूदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।