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करोड़ों के हीरे को लेकर कतर के शाही परिवारों में छिड़ी 'जंग', लंदन के हाई कोर्ट तक पहुंच गई लड़ाई; पढ़ें पूरा विवाद

कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी की कंपनी QIPCO के पास आइडल्‍स आई नाम का हीरा है। इस हीरे की कीमत लाखों डॉलर में है। बता दें कि उन्‍हें यह हीरा शेख सऊद ने उधार दिया था जो कि 1997 और 2005 के बीच कतर के संस्कृति मंत्री थे।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 12 Nov 2024 10:48 AM (IST)
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हीरे को लेकर कतर के शाही परिवारों में छिड़ी 'जंग'
रॉयटर्स, लंदन। कतर के शाही परिवार के 2 सदस्‍यों के बीच एक कीमती हीरे को लेकर शुरू हुई लड़ाई अब लंदन के हाई कोर्ट तक पहुंच गई है। शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी मशहूर आर्ट कलेक्‍टर हैं।

एमीर के चचेरे भाई की तरफ से संचालित एक कंपनी 70 कैरेट रत्न खरीदने के अपने कथित अधिकार को लागू करने की कोशिश कर रही है।

क्या है हीरा विवाद?

कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी की कंपनी QIPCO के पास 'आइडल्‍स आई' नाम का हीरा है। इस हीरे की कीमत लाखों डॉलर में है। बता दें कि उन्‍हें यह हीरा शेख सऊद ने उधार दिया था, जो कि 1997 और 2005 के बीच कतर के संस्कृति मंत्री थे। साथ ही दुनिया के सबसे विपुल कला संग्राहकों में से एक थे और उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में आइडल्स आई हीरा खरीदा था।

2014 में अपनी मृत्यु से कुछ समय पहले उन्होंने यह हीरा क्यूआईपीसीओ को उधार दिया था, जिसके मुख्य कार्यकारी शेख हमद बिन अब्दुल्ला हैं। हीरे को उधार देने से पहले उन्होंने एक कॉन्‍ट्रेक्‍ट भी किया था, जिसमें QIPCO को एलेनस होल्डिंग्स की सहमति से हीरा खरीदने का ऑप्शन दिया, जो अंततः शेख सऊद के रिश्तेदारों से जुड़ी कंपनी थी।

हीरे को लेकर बना समझौता

शेख सऊद की कंपनी एलेनस होल्डिंग्स ने यह हीरा QIPCO को दिया था। अब एलेनस होल्डिंग्‍स का स्‍वामित्‍व लिकटेंस्टीन स्थित अल थानी फाउंडेशन के पास है, जिसके लाभार्थी शेख सऊद की विधवा और तीन बच्चे हैं। एलेनस का तर्क है कि पत्र गलती से भेजा गया था।

एलेनस के वकील साद हुसैन ने अदालती दाखिलों में कहा कि शेख सऊद के बेटे शेख हमद बिन सऊद अल थानी ने केवल सही कीमत पर बिक्री की संभावना तलाशने की मांग की थी, लेकिन फाउंडेशन के अन्य लाभार्थियों के साथ परामर्श नहीं किया था।

10 मिलियन डॉलर में हीरा लेना चाहती है QIPCO

अब QIPCO यह हीरा 10 मिलियन डॉलर में लेना चाहती है और इस मसले पर QIPCO के वकीलों का कहना है कि अल थानी फाउंडेशन के वकील ने साल 2020 के पत्र में आइडल आई हीरे को 10 मिलियन डॉलर में बेचने का समझौता किया था। लेकिन एलेनस होल्डिंग्‍स का कहना है कि इस हीरे की कीमत कम आंकी जा रही है और इसकी सही कीमत 27 मिलियन डॉलर है।

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