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Queen Elizabeth II Funeral: धरती की गोद में समाईं महारानी एलिजाबेथ, अभूतपूर्व भव्यता के साथ संपन्न हुआ अंतिम संस्कार

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंत्योष्टि की गई। ब्रिटिश शाही घराने के सबसे वरिष्ठ अधिकारी लॉर्ड चेम्बरलेन ने शाही परिवार के रूप में कार्यालय की छड़ी के रूप में जानी जाने वाली एक छड़ी को तोड़ दिया और महारानी को विदाई दी।

By Piyush KumarEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 10:41 PM (IST)
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ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार किया गया।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अंत्येष्टि (Queen Elizabeth II)  सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार के साथ ही महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की हस्ती इतिहास के पन्नों का हिस्सा बन गई। महारानी को ताबूत विंडसर कैसल में रॉयल वॉल्ट में उतारा गया। महारानी को दफनाने समय किंग चार्ल्स III काफी भावुक हो गए थे।

ब्रिटिश शाही घराने के सबसे वरिष्ठ अधिकारी लॉर्ड चेम्बरलेन ने शाही परिवार के रूप में 'कार्यालय की छड़ी' के रूप में जानी जाने वाली एक छड़ी को तोड़ दिया और सैकड़ों शोक मनाने वालों ने महारानी को विदाई दी। एंड्रयू पार्कर, जो ब्रिटेन की घरेलू गुप्त सेवा MI5 के पूर्व प्रमुख हैं, उन्होंने सफेद छड़ी को तोड़कर रानी के ताबूत पर रख दिया। यह अनुष्ठान सम्राट को उसकी सेवा के अंत का प्रतीक माना जाता है। बता दें कि चैपल में 800 लोग शोक सवा में शामिल थे।

देश-विदेश के दो हजार से ज्यादा नेताओं, गणमान्य लोगों और लाखों अन्य लोगों ने नम आंखों से महारानी के पार्थिव शरीर को विदा किया। विदाई की इस बेला में कुछ ऐसा भी हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ था। जो संगीत 1947 में महारानी की शादी के समय बजा, वही संगीत छह साल बाद 1953 में उनके राज्याभिषेक के समय बजा और संगीत की वही धुन अब उनके अंतिम संस्कार के समय बजाई गई। शोकाकुल वातावरण भी हर कदम पर भव्यता की निशानियां प्रस्तुत कर रहा था।

लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में महारानी ने निभाया था शानदार योगदान

महारानी एलिजाबेथ के 70 साल के शासनकाल की खूबियां थीं कि बीते बुधवार से अब तक उन्हें श्रद्धांजलि और विदाई देने के लिए दर्जनों देशों के लोग ब्रिटेन आए। इनमें ताइवान जैसा दुनिया का वह स्वायत्तशासी हिस्सा भी है जहां महारानी शायद कभी नहीं गईं और न ही उसकी स्वायत्तता को ब्रिटेन ने मान्यता दी। यूनाइटेड किंगडम (इंग्लैंड, स्काटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड) और अन्य 14 देशों में राजशाही के साथ ही लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में महारानी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

कैंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने अंतिम प्रार्थना में महारानी के व्यक्तित्व से जुड़ी इन्हीं बातों का जिक्र किया। बताया कि किन वजहों से लोग उनसे प्यार करते थे। किंग चा‌र्ल्स ने भी अपनी मां से जुड़े प्रेम की ऊष्मा को महसूस किया। कहा, लोगों का प्यार और समर्थन दिल को छूने वाला है। करीब पांच दिनों तक आमजनों की श्रद्धा का केंद्र रहा महारानी का पार्थिव शरीर सोमवार प्रात: वेस्टमिंस्टर हाल से अंतिम यात्रा पर निकला। तोपगाड़ी पर रखे महारानी के ताबूत को ब्रिटिश नौसेना के सैनिक खींच रहे थे।

लाखों लोग हुए अंतिम संस्कार में शामिल

पूर्ण राष्ट्रीय सम्मान के साथ शुरू हुई अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में ज्यादातर लोगों ने जीवन में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में ब्रिटिश सैनिकों को शाही कार्यक्रम में पहनी जाने वाली पोशाक में देखा। ये सैनिक मार्चिंग बैंड की धुन पर कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे। प्रख्यात बिग बेन का घंटा भी हर मिनट के बाद बज रहा था। तोपगाड़ी के पीछे किंग चा‌र्ल्स और राजपरिवार के सभी वरिष्ठ सदस्य पैदल चल रहे थे। जबकि लाखों लोग सड़क के दोनों ओर अपनी महारानी को अंतिम विदाई के लिए शांत भाव से खड़े थे।

वेस्टमिंस्टर एबे में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के बाद महारानी का पार्थिव शरीर वेलिंगटन आर्क के लिए रवाना हुआ और वहां से विंडसर के लिए। सभी जगह सड़क के दोनों ओर मौजूद लोगों ने गमगीन माहौल में महारानी को विदा किया। विंडसर पैलेस परिसर में स्थित सेंट जार्ज चैपल में महारानी का पार्थिव शरीर परंपरागत रूप से धरती के हवाले कर दिया गया। महारानी को पति प्रिंस फिलिप के बगल में दफनाया गया है। 

इससे पहले महारानी के ताबूत को वेस्टमिंस्टर हॉल से वेस्टमिंस्टर एबी तक ले जाने समय शाही परिवार के सदस्य मौजूद थे। महारानी के ताबूत को वेस्टमिंस्टर हॉल से निकाल कर वेस्टमिंस्टर एबी, एक गन कैरिएज में ले जाया गया। जिसे 142 नवल सेलर्स खींचा। किंग चार्ल्स और उनके बेटे भी ताबूत के साथ चलते दिखाई दिए। 

महरानी को दफनाने के बाद शाही परिवार किंग जॉर्ज पंचम मेमोरियल चैपल से बाहर निकल गए। बता दें कि दफनाने के समय पूरा शाही परिवार चैपल में मौजूद रहे। 

धरती की गोद में समाईं महारानी एलिजाबेथ

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को दफनाने समय भावुक हुए। किंग चार्ल्स III अंतिम संस्कार के साथ ही महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की हस्ती इतिहास के पन्नों का हिस्सा बन गई। महारानी को ताबूत विंडसर कैसल में रॉयल वॉल्ट में उतारा गया।

 किंग जॉर्ज पंचम मेमोरियल चैपल (Windsor Castle) में महारानी को दफनाने की प्रक्रिया हुई। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार संपन्न हो चुका है। बता दें कि महारानी को किंग जॉर्ज पंचम मेमोरियल चैपल (King George VI Memorial Chapel) में उनके पति प्रिंस फिलिप के नजदीक दफनाया गया।

बता दें कि विंडसर कैसल के नजदीक कई लोग महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद थे। महारानी को दफनाने के लिए किंग और उनका शाही परिवार किंग जॉर्ज पंचम मेमोरियल चैपल में मौजूद रहे। महारानी की प्यारे कुत्ते, मुइक और सैंडी भी सेंट जॉर्ज चैपल में मौजूद थे।  

अंतिम विदाई में मौजूद कई लोगों ने महारानी को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

बकिंघम पैलेस के सामने से गुजरा महारानी का ताबूत

वेलिंगटन आर्क ले जाने के दौरान महारानी के ताबूत को आखिरी बार बकिंघम पैलेस के सामने से गुजरा।

लिज ट्रस ने बाइबल पुस्तक का किया वाचन

महारानी के अंतिम संस्कार के मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस जॅान ने बाइबल पुस्तक का वाचन भी किया। उन्होंने यीशु मसीह के अपने अनुयायियों को स्वर्ग में एक स्थान की प्रतिज्ञा से संबंधित एक संदर्भ का पाठ किया। बता दें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म वेस्टमिंस्टर एबी में हुआ।

पूरे ब्रिटेन में दो मिनट का रखा गया मौन

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अंत्योष्टि के मौके पर पूरे ब्रिटेन में दो मिनट का मौन रखा गया। 

किंग चार्ल्स III ने की पुष्पांजलि अर्पित

किंग चार्ल्स III के अनुरोध पर महारानी के ताबूत के शीर्ष पुष्पांजलि अर्पित की गई।। पुष्पांजलि में रोजमेरी, इंग्लिश ओक और मर्टल के पत्ते और रॉयल रेजिडेंस के बगीचों से कटे हुए फूल शामिल थे।

राजा द्वारा लिखे गए कार्ड में लिखा है,'उनके प्यार और स्मृति में, चार्ल्स आर।'

वेस्टमिंस्टर एब्बे पहुंचा था शाही परिवार

महारानी के अंतिम संस्कार के लिए क्वीन कंसोर्ट, द प्रिंसेस ऑफ वेल्स, प्रिंस जॉर्ज, प्रिंसेस चार्लोट और शाही परिवार के अन्य सदस्य वेस्टमिंस्टर एबी पहुंचे थे। 

विश्व के कई राजनेता वेस्टमिंस्टर एबी पहुंचे थे

अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल सहित विश्व के कई नेता वेस्टमिंस्टर एबी पहुंचे थे।

अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन के कई पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, लेडी थेरेसा मे, डेविड कैमरन, टोनी ब्लेयर और गॉर्डन ब्राउन सहित कई ब्रिटिश राजनेता वेस्टमिंस्टर एबी पहुंचे थे । बता दें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 70 साल के शासनकाल में ब्रिटेन के 15 प्रधानमंत्रियों ने अपनी सेवाएं दी।

दोपहर 4 बजकर 25 मिनट पर ये फ्यूनरल सर्विस खत्म हुई जिसके बाद 2 मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद महारानी का ताबूत लंदन के सड़कों पर निकला जाएगा, हर मिनट एक तोप की सलामी दी गई और हर मिनट पर बिग बेन (Big Ben) की घंटी भी बजाई गई।

96 साल की उम्र में महारानी का हुआ निधन

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन 8 सितंबर को स्कॅाटलैंड के बाल्मोरल कैसल में 96 साल की उम्र में हुआ था। महारानी के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में विभिन्न देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। महारानी एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार के बाद ब्रिटेन के नए किंग चार्ल्स तृतीय पूरे देश में एक सप्ताह का सार्वजनिक शोक की घोषणा की।

महारानी को पति प्रिंस फिलिप के नजदीक दफनाया गया

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को किंग जॉर्ज पंचम मेमोरियल चैपल में उनके पति प्रिंस फिलिप के नजदीक दफनाया गया। अंतिम संस्कार के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, 5000 से अधिक सैनिकों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया। इसमें थल सेना,नौसेना और वायु सेना के जवान शामिल हुए। बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मु 17 से 19 सितंबर तक तीन दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन पहुंची थी ।