नवजात की सांस की नली से कर रही थी छेड़छाड़, इस तरह हुआ हत्यारी नर्स के खौफनाक कदम का पर्दाफाश
ब्रिटेन में नर्स लुसी लेटबी पर बच्चों को मारने के आरोप में फिर से मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल लुसी लेटबी ने जिस अस्पताल में वो काम करती थी वहां एक नवजात बच्ची को मारने की कोशिश की थी। लेटबी पर फरवरी 2016 में उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड के काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल में समय से पहले जन्मे नवजात को मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था।
ऑनलाइन डेस्क,लंदन। ब्रिटेन में नर्स लुसी लेटबी पर बच्चों को मारने के आरोप में फिर से मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल लुसी लेटबी ने जिस अस्पताल में वो काम करती थी, वहां एक नवजात बच्ची को मारने की कोशिश की थी। 34 साल की लेटबी पर फरवरी 2016 में उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड के काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल में समय से पहले जन्मे नवजात को मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था।
अब एक बार फिर ये केस चर्चा में आ गया है। मामले की शुरुआत करते हुए, वकील निक जॉनसन ने आरोप लगाया कि पूर्व नर्स को एक वरिष्ठ सलाहकार ने रंगे हाथों पकड़ लिया, जब वो छोटे शिशु की सांस की नली को उसकी जगह से हटा रही थी।
नर्स पर क्या है आरोप?
वकील ने कहा,नर्स ने चाइल्ड को को एक वेंटिलेटर से कनेक्ट किया था जो जिससे वो सांस ले रहा था, और चाइल्ड को को एक अन्य मशीन से जोड़ा गया था जो उसकी हार्ट लेवल को कंट्रोल कर रहा था। वकील ने बताया कि अगर बच्चे के हार्ट लेवल या ब्लड में ऑक्सीजन लेवल एक निश्चित लेवल से नीचे चला जाए तो अलार्म बज जाएगा, लेकिन अलार्म नहीं बजा।दरअसल कुछ समय बाद बाल रोग विशेषज्ञ रवि जयराम नर्सरी में चले गए और देखा कि लेटबी बच्चे के ऊपर खड़ी थी क्योंकि उसका ऑक्सीजन लेवल गिर गया था, वो अलॉर्म को रोकने के लिए इस तरह से खड़ी थी। वकील ने इसके बाद आरोप लगाते हुए अदालत में कहा, नर्स वहां खड़ी थी और अलार्म को बजने से रोक रही थी, आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि लुसी लेटबी इस मामले में दोषी है और उन्होंने बच्चे की ट्यूब को उसकी जगह से हटा दिया था।
कई हत्याओं के दर्ज हैं मामले
जानकारी के लिए बता दें कि लेटबी को यूनिट में सात शिशुओं की हत्या और 2015 और 2016 के बीच छह और बच्चों की हत्या के प्रयास के मामले में पिछले साल समाप्त हुए मुकदमे में दोषी ठहराया गया था।यह भी पढ़ें:मानवाधिकार आयोग ने विधवाओं के कल्याण के लिए जारी की एडवाइजरी, सरकारी आश्रय गृहों का बनेगा डेटाबेस
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