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UK Election 2024: ब्रिटेन में किसकी बनेगी सरकार? वोट के बाद नतीजों का इंतजार; सुनक या स्टर्मर कौन बनेगा प्रधानमंत्री

लेबर पार्टी के नेता कीर स्टर्मर ने छह सप्ताह के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान लोगों से उनकी मध्य-वामपंथी पार्टी को मौका देने और बदलाव के लिए मतदान करने का आग्रह किया था। विश्लेषकों और राजनेताओं सहित अधिकांश लोगों को उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे। लोगों में सुनक के प्रति कुछ नराजगी है वे उनपर सभी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाते हैं।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Published: Thu, 04 Jul 2024 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 11:45 PM (IST)
ओपिनियल पोल लेबर पार्टी की बड़ी जीत का लगा रहे हैं अनुमान। (फोटो, रॉयटर्स)

रॉयटर्स, लंदन। ब्रिटेन में गुरुवार को करोड़ो मतदाताओं ने नई सरकार चुनने के लिए मतदान किया। लेबर पार्टी के नेता कीर स्टर्मर ने मतदान की शुरुआत में ही वोट डाला। मतदान के लिए देश भर में 40,000 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्थि ने यॉर्कशायर में रिचमांड एंड नार्थलर्टन निर्वाचन क्षेत्र में मतदान किया।

मतदान के बाद स्टर्मर ने कहा, 'आज ब्रिटेन नया अध्याय शुरू कर सकता है।' उन्होंने कहा कि हम कंजर्वेटिव को सरकार चलाने के लिए और पांच वर्ष का समय नहीं दे सकते हैं लेकिन बदलाव के लिए आपको लेबर पार्टी को वोट देना होगा।'

स्टर्मर ने बदलाव के लिए मतदान करने का आग्रह किया था

लेबर पार्टी के नेता कीर स्टर्मर ने छह सप्ताह के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान लोगों से उनकी मध्य-वामपंथी पार्टी को मौका देने और बदलाव के लिए मतदान करने का आग्रह किया था। विश्लेषकों और राजनेताओं सहित अधिकांश लोगों को उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे। लोगों में सुनक के प्रति कुछ नराजगी है, वे उनपर सभी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाते हैं।

ये दल भी किस्मत आजमा रहे

हालांकि, सुनक ऐसा नहीं मानते। चुनाव में कंजर्वेटिव व लेबर पार्टी के अलावा लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी, ग्रीन पार्टी व यूके रिफॉर्म पार्टी जैसे दल भी किस्मत आजमा रहे हैं। ब्रिटेन में अब तक हुए ओपिनियन पोल के अनुसार चुनाव में लेबर पार्टी बहुमत हासिल कर सकती है।

कंजरवेटिव पार्टी को उसके इतिहास में सबसे कम सीटें मिल सकती हैं

वहीं कंजरवेटिव पार्टी को उसके इतिहास में सबसे कम सीटें मिल सकती हैं। विश्लेषकों का मानना है कि मतदाता चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं इसकी वजह से मतदान का प्रतिशत कम रह सकता है। कुछ हद तक मतदाता दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कंजरवेटिव और लेबर से निराश नजर आ रहे हैं।

विश्लेषकों का यह भी कहना है कि चुनाव में लेबर पार्टी को बढ़त लोकप्रिय नीतियों की वजह से नहीं बल्कि कंजरवेटिव पार्टी की आंतरिक कमजोरियों के कारण मिल रही है।

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