ब्रिटिश मीडिया के विदेशी सरकारी स्वामित्व पर प्रतिबंध लगाएगी सुनक सरकार, क्या है टेलीग्राफ अधिग्रहण विवाद?
ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटेन में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के स्वामित्व पर विदेशी सरकारों पर प्रतिबंध लगाने की योजना की घोषणा की है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक द टेलीग्राफ और स्पेक्टेटर समाचार पत्रिका दोनों के अधिग्रहण के लिए अबू धाबी समर्थित निवेश फर्म रेडबर्ड आईएमआई की बोली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। द टेलीग्राफ का लंबे समय से ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी से करीबी रिश्ता रहा है।
ऑनलाइन डेस्क, लंदन। ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटेन में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के स्वामित्व पर विदेशी सरकारों पर प्रतिबंध लगाने की योजना की घोषणा की है। यह कदम संयुक्त अरब अमीरात समर्थित फर्म, रेडबर्ड आईएमआई द्वारा डेली टेलीग्राफ और स्पेक्टेटर के प्रस्तावित अधिग्रहण के विवाद के बीच उठाया गया है। संसद में डिजिटल बाजार अधिनियम में संशोधन के रूप में पेश किए गए नए कानून का उद्देश्य स्वतंत्र प्रेस की रक्षा करना है।
क्या है टेलीग्राफ अधिग्रहण विवाद?
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, द टेलीग्राफ और स्पेक्टेटर समाचार पत्रिका दोनों के अधिग्रहण के लिए अबू धाबी समर्थित निवेश फर्म रेडबर्ड आईएमआई की बोली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। 168 साल पुराने प्रकाशन द टेलीग्राफ का लंबे समय से ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी से करीबी रिश्ता रहा है।
सरकार की क्या रही प्रतिक्रिया?
ब्रिटिश के संस्कृति मंत्री स्टीफन पार्किंसन ने विदेशी राज्यों को ब्रिटिश समाचार पत्रों को नियंत्रित करने से रोकने के लिए डिजाइन किए गए मौजूदा मीडिया कानून में प्रस्तावित संशोधनों की रूपरेखा तैयार की। उन्होंने इस फैसले को प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता बताई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि हम मीडिया विलय शासन में स्पष्ट रूप से संशोधन करेंगे।रेडबर्ड आईएमआई पर पड़ सकता है प्रभाव
अबू धाबी द्वारा बहुसंख्यक वित्त पोषित और पूर्व सीएनएन कार्यकारी जेफ जकर के नेतृत्व वाली कंपनी ने इस खबर पर निराशा व्यक्त की और संकेत दिया कि वह अपने विकल्पों का पुनर्मूल्यांकन करेगी। रेडबर्ड आईएमआई सौदे को लेकर जांच चल रही है।यह भी पढ़ें: Titanic II: हूबहू पहले टाइटैनिक जैसा तैयार किया जाएगा टाइटैनिक II, 2345 यात्रियों के साथ यहां से होगी रवाना; क्या होगी टिकट की कीमत?