ऋषि सुनक सरकार ने देश में प्रवासियों की आमद को कम करने के लिए यूनाइटेड किंगडम में नए वीजा नियम पेश किए हैं। इसमें प्रायोजन शुल्क में 55% से अधिक की बढ़ोतरी की गई है। भारतीय मूल के लोगों सहित यूके के पारिवारिक वीज़ा के लिए प्रायोजन चाहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अब न्यूनतम वार्षिक वेतन GBP 29000 होना चाहिए।
एजेंसी, लंदन। ऋषि सुनक सरकार ने देश में प्रवासियों की आमद को कम करने के लिए यूनाइटेड किंगडम में नए वीजा नियम पेश किए हैं। इसमें प्रायोजन शुल्क में 55% से अधिक की बढ़ोतरी की गई है।
भारतीय मूल के लोगों सहित, यूके के पारिवारिक वीज़ा के लिए प्रायोजन चाहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अब न्यूनतम वार्षिक वेतन GBP 29,000 होना चाहिए। पहले यह GBP 18,600 था। अगले साल यह इनकम बढ़ाकर 38,700 GBP कर दी जाएगी। यह पीएम सुनक और गृह सचिव जेम्स क्लेवरली के पैकेज में अंतिम उपाय है।
यूके के गृह कार्यालय ने कहा कि यह लीगल माइग्रेशन को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि यहां आने वालों लोगों के कारण यहां के करदाता पर बोझ न पड़े।
क्लेवरली ने कहा,
हम बड़े पैमाने पर माइग्रेशन के साथ एक चरम बिंदु पर पहुंच गए हैं। ऐसा कोई सरल समाधान या आसान निर्णय नहीं है, जो संख्या को ब्रिटिश लोगों के लिए स्वीकार्य स्तर तक कम कर दे।
हमने अस्थिर संख्या में कटौती करने, ब्रिटिश श्रमिकों और उनके वेतन की रक्षा करने, यह सुनिश्चित करने के लिए कि ब्रिटेन में परिवार लाने वालों के कारण करदाताओं पर बोझ न पड़े और भविष्य के लिए उपयुक्त एक आव्रजन प्रणाली बनाने के लिए काम किया है, जिसपर जनता उचित रूप से भरोसा कर सकती है।
इसके पहले पीएम सुनक ने कहा था,
मुझे लगता है कि यहां सिद्धांत सही है कि अगर लोग अपने परिवार के हिस्से के रूप में आश्रितों को इस देश में ला रहे हैं तो उन्हें उनका भरण-पोषण करने में सक्षम होना चाहिए।
स्टूडेंट्स का परिवार को लाना लगभग असंभव
बता दें कि 2023 में लगभग 3 लाख लोगों ने यूके में प्रवास किया था। इसके बाद अब गृह कार्यालय का कहना है कि इतना बड़ा आप्रवासन अब संभव नहीं होगा।
सरकार ने पिछले साल पेश किए गए पैकेज के हिस्से के रूप में कई वीजा मानदंडों को सख्त कर दिया है। अब छात्रों और देखभाल कर्मियों के लिए परिवार को यूके लाना लगभग असंभव है।
फैसले से भारतीयों को नुकसान?
भारतीय लोग कुशल कार्य वीजा वाले शीर्ष प्रवासियों में शामिल हैं - 2021-22 में 13,380 भारतीय यूके माइग्रेट हुए थे जो 2022-23 में बढ़कर 21,837 हो गए यानी 63% की वृद्धि देखी गई।
मुख्य आवेदकों के साथ-साथ आश्रितों के लिए कुल वीजा का लगभग 38% भारतीयों को मिला, इसके बाद 17% नाइजीरियाई लोगों को मिला।