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UK: पहले धमकाया, फिर कंपनी से निकाला; अब ब्रिटेन की रॉयल मेल भारतीय मूल की कर्मचारी को देगी 24 करोड़ का मुआवजा

Britain Royal Mail भारतीय मूल की महिला कर्मचारी का उत्पीड़न का दावा साबित होने के बाद ब्रिटेन की डाक कंपनी रॉयल मेल को अब उसे 24 करोड़ का मुआवजा देना होगा। महिला कर्मी ने बोनस से संबंधित संभावित धोखाधड़ी का खुलासा किया था जिसके बाद उसे धमकाया गया और बाद में कंपनी से निकाल दिया गया। अब आठ साल बाद महिला को न्याय मिला है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Sun, 09 Jul 2023 11:32 AM (IST)
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Britain Royal Mail 'रॉयल मेल' को देना पड़ा सबसे बड़ा मुआवजा।

लंदन, एजेंसी। Britain Royal Mail उत्पीड़न का दावा साबित होने के बाद ब्रिटेन की डाक कंपनी 'रॉयल मेल' को अब एक भारतीय मूल की पूर्व कर्मचारी को 2.3 मिलियन पाउंड (लगभग 24 करोड़ रुपये) से अधिक का मुआवजा देना होगा। रॉयल मेल के लिए यह सबसे बड़े मुआवजा समझौतों में से एक माना जा रहा है।

बोनस से संबंधित धोखाधड़ी का किया था खुलासा

दरअसल, महिला कर्मचारी ने बोनस से संबंधित संभावित धोखाधड़ी का खुलासा किया था, जिसके बाद उसे धमकाया गया और बाद में कंपनी से निकाल दिया गया।

बॉस ने किया था परेशान

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एक मीडिया विशेषज्ञ कैम जट्टी को उसके बॉस माइक विडमर ने परेशान किया था, क्योंकि उसने चिंता जताई थी कि एक सहकर्मी ने अवैध तरीके से बोनस हासिल किया है।

आठ साल बाद मिला न्याय

लगभग आठ वर्षों तक चली लंबी अदालती लड़ाई में, ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में फैसला सुनाया कि जट्टी को गलत तरीके से बर्खास्त कर दिया गया था और उसे पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर और गंभीर अवसाद से पीड़ित छोड़ दिया गया था।

यहा था पूरा मामला

अदालत ने पाया कि ब्रिटेन में भारतीय मूल की जट्टी ने सितंबर 2013 में लंदन स्थित रॉयल मेल की मार्केटरीच इकाई में काम करना शुरू किया। जब जट्टी को टीम के एक सदस्य पर कंपनी की बोनस नीति का उल्लंघन करने का संदेह हुआ, तो उसने इस मुद्दे को अपने बॉस विडमर के सामने उठाया, जिसने उसी के खिलाफ एक बदमाशी अभियान शुरू कर दिया।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सहकर्मी कंपनी की नीति का उल्लंघन कर रही थी। इसके बावजूद उसके बॉस ने जट्टी को परेशान करना शुरू कर दिया, क्योंकि वो भी मिला हुआ था। जट्टी ने इसके बाद ट्रिब्यूनल में शिकायत की और बताया कि 2014 में उसे रॉयल मेल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वह परेशान होकर तनाव और गंभीर अवसाद से पीड़ित हो गई थी।

जट्टी को बाद में रॉयल मेल से तीन महीने का वेतन और उसके बाद एक वर्ष का वेतन स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह स्वस्थ नहीं थी।