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Britain: कलयुगी नर्स ने लील ली सात शिशुओं की जिंदगी, खुद को बताया शैतान; पढ़िए हैरान कर देने वाले खुलासे

ब्रिटिश कोर्ट ने 33 वर्षीय नर्स लूसी लेटबी को शुक्रवार को सात नवजात शिशुओं की हत्या करने और छह अन्य शिशुओं की हत्या का प्रयास करने का दोषी पाया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक नर्स लूसी लेटबी ने बच्चों को खाली इंजेक्शन उन्हें मारने की कोशिश करते हुए अत्यधिक मात्रा में दूध या तरल पदार्थ का सेवन करा जान-बूझकर नुकसान पहुंचाया।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 19 Aug 2023 08:30 PM (IST)
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ब्रिटिश अस्पताल की नर्स लूसी लेटबी (फोटो: एपी)

लंदन, ऑनलाइन डेस्क। उत्तरी इंग्लैंड के एक अस्पताल में सात शिशुओं की हत्या का मामले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में ब्रिटिश कोर्ट ने 33 वर्षीय नर्स लूसी लेटबी को शुक्रवार को सात नवजात शिशुओं की हत्या करने और छह अन्य शिशुओं की हत्या का प्रयास करने का दोषी पाया।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नर्स लूसी लेटबी ने बच्चों को खाली इंजेक्शन, उन्हें मारने की कोशिश करते हुए अत्यधिक मात्रा में दूध या तरल पदार्थ का सेवन करा जान-बूझकर नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा नर्स ने अपने सहकर्मियों से संपर्क साधा था और झूठी सांत्वना लेने की कोशिश भी की। मौजूदा समय में यही सहकर्मी नर्स के खिलाफ महत्वपूर्ण गवाह बनकर उभरे हैं।

बेबी ए को बनाया सर्वप्रथम शिकार

लूसी लेटबी ने सर्वप्रथम 8 जून, 2015 को बेबी ए नामक नवजात को अपना शिकार बनाया था। इस घटना के बाद ब्रिटिश नर्स ने अपने सहकर्मियों को इसकी जानकारी दी और वापस आकर नवजात के माता-पिता का सामना किया। उस वक्त नर्स लेटबी के पास बेबी बी भी थी।

'जान लेना ही नर्स का असल मकसद'

ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने बताया कि 2015 और 2016 के बीच अस्पताल के नवजात वार्ड में कुल 13 शिशुओं पर गुपचुप तरीके से हमला करने के लिए लूसी लेटबी ने कई तरीके अपनाए। सीपीएस का कहना है कि लूसी लेटबी का मकसद शिशुओं की जान लेना होता था, लेकिन वह अपने सहकर्मियों को यह विश्वास दिलाती थी कि मौतें प्राकृतिक रूप से हुई हैं।

खुद को भगवान समझने लगी थी नर्स

लूसी लेटबी के अंतिम शिकार में शिशु ओ और शिशु पी शामिल थे। जून 2016 में जब लूसी लेटबी छुट्टी से वापस लौटी थी उसके तुत्काल बाद शिशु ओ की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रॉसिक्यूशन ने मुकदमे के दौरान कहा कि उस समय नर्स खुद को भगवान समझने लगी थी और पूरी तरह से नियंत्रण के बाहर हो गई थी।

प्रॉसिक्यूशन में से एक ने बताया कि लूसी लेटबी उस परिस्थिति का मजा ले रही थी और उन चीजों की भविष्यवाणी कर रही थी जिसके बारे में उसे वास्तविक जानकारी थी। वास्तव में नर्स खुद को भगवान समझ रही थी।

नवजातों को नुकसान पहुंचाने में आता था मजा

लूसी लेटबी को नवजात शिशुओं को नुकसान पहुंचाने में मजा आता था, उसे दो बार गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, वह रिहा हो गई थी। इसके बाद 2020 में लूसी लेटबी की तीसरी बार गिरफ्तारी हुई और उस पर आरोप तय किए गए।

पुलिस ने जब लूसी लेटबी के घर की तलाशी ली तो वहां पर अस्पताल के कागजात और हाथों से लिखा हुए एक नोट मिला। इस नोट में लिखा था- I am evil, I did this.

डॉक्टर के साथ सीक्रेट रिलेशन में थी नर्स

प्रॉसिक्यूशन ने आरोप लगाया कि लूसी लेटबी अस्पताल के एक डॉक्टर के साथ सीक्रेट रिलेशन में थी। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि जिस डॉक्टर के साथ लूसी लेटबी सीक्रेट रिलेशन में थी वह उन डॉक्टरों में शामिल था जिनसे उस वक्त संपर्क किया जाता था जब नवजातों की हालत बिगड़ती थी।

प्रॉसिक्यूशन ने कोर्ट को डॉक्टर और नर्स के बीच की चैट दिखाई। जिससे यह स्पष्ट होता है कि जुलाई 2016 में लूसी लेटबी को नवजात वार्ड से हटाए जाने के बाद भी उसकी लगातार डॉक्टर के साथ चैट हो रही थी और वो दोनों प्यार भरे इमोजी एक-दूसरे को भेज रहे थे।

जूसी सदस्यों को लूसी लेटबी के जरिए लिखे गए कई नोट्स दिखाए गए। इन नोट्स में लिखा था- मैंने उन्हें जानबूझकर मारा। एक अन्य नोट में लिखा था कि मैं कभी बच्चे पैदा नहीं करूंगी या शादी नहीं करूंगी।

क्या था नर्स का मकसद

रिपोर्ट के मुताबिक प्रॉसिक्यूशन ने जूरी के समक्ष कई ऐसे साक्ष्य पेश किए जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि लूसी लेटबी का मकसद शिशुओं की जान लेना था, लेकिन वह अपने सहकर्मियों को यह विश्वास दिलाती थी कि मौतें प्राकृतिक रूप से हुई हैं।