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Israel-Hamas Conflict: क्या हैं युद्ध के अंतरराष्ट्रीय नियम, इजरायल और हमास पर क्यों लग रहा इन्हें तोड़ने का आरोप

जंग में सब जायज कभी नहीं होता...जब कभी भी किसी दो देशों के बीच जंग की स्थिति बनती है तो उन्हें संघर्ष के दौरान भी कुछ नियमों का पालन करना होता है। उन्हीं नियमों के अंतर्गत उन्हें जंग लड़नी या जीतनी होती है नहीं तो उसे युद्ध अपराध माना जाता है। इजरायल और हमास के बीच कौन इस युद्ध नियम का पालन कर रहा है और आखिर ये नियम है क्या? आइए जानते हैं।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 18 Oct 2023 09:12 AM (IST)
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हमास और इजरायल पर युद्ध के अंतर्राष्ट्रीय कानून तोड़ने का आरोप!
एपी, लंदन। इजरायल और फलस्तीनियों के बीच चल रहे युद्ध का आज बारहवां दिन है। हर बीतते दिन के साथ यह जंग और भी ज्यादा गहराता जा रहा है। दोनों तरफ से हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है। युद्ध इस स्तर पर पहुंच चुका है कि इजरायल ने गाजा के एक अस्पताल पर हमला किया जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। इजरायल के इस हमले की सभी ने निंदा की। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा कि गाजा पट्टी के एक अस्पताल पर हुआ घातक हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

संयुक्त राष्ट्र ने हमास और इजरायल दोनों पर इस संघर्ष के दौरान अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने का आरोप लगाया गया है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वह सभी पक्षों द्वारा युद्ध अपराधों के सबूत एकत्र कर रहा है। यूएन का कहना है कि युद्ध के बीच कानून लागू करना कठिन है लेकिन एक बार संघर्ष समाप्त हो जाने के बाद अपराधियों को जिम्मेदार ठहराना अक्सर किसी काम का नहीं रह जाता है।

आइए जानते हैं इस युद्ध में इजरायल और हमास कैसे मानवता को ताक पर रखकर इस युद्ध में कूद चुके हैं। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानते हैं कि आखिर युद्ध के नियम क्या है? क्या हमास ने वॉर क्राइम किया है? या फिर क्या इजरायल द्वारा किया जा रहा जवाबी हमला वैध है? यहां इन मुद्दों पर एक नजर डालते हैं।

आखिर क्या हैं युद्ध के नियम?

सशस्त्र संघर्ष के नियम संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कानूनों और प्रस्तावों के एक समूह द्वारा शासित होते हैं। यह नियम आक्रामक युद्धों को प्रतिबंधित करता है लेकिन देशों को आत्मरक्षा का अधिकार देता है।

  • जेनेवा कन्वेंशन में युद्ध के दौरान युद्धक्षेत्र में कैसा व्यवहार (लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी? युद्ध के दौरान किसे मारा जा सकता है और किसे नहीं? किसे टारगेट करना है और किसे नहीं? किस तरह के हथियारों का इस्तेमाल होगा इत्यादि) किया जाना चाहिए उसको लेकर जिनेवा कन्वेंशन सहित अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून बनाए गए हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तैयार किए गए और लगभग हर देश इससे सहमत हुए और इसको मान्यता दी गई।
  • साल 1949 में जिन चार सम्मेलनों पर सहमति बनी थी। इन सम्मेलनों में यह तय किया गया कि युद्धकाल में नागरिकों, घायलों और कैदियों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए।
  • नियम के अनुसार युद्ध के दौरान हत्या, यातना, बंधक बनाने और अपमानजनक व्यवहार करने पर प्रतिबंध है और दूसरे पक्ष के बीमारों और घायलों का इलाज करने के लिए अगर सेना की आवश्यकता होती है तो वो देना आवयशक है।
  • नियम राष्ट्रों के बीच युद्ध और संघर्ष दोनों पर लागू होते हैं, जैसे कि इजरायल और हमास के बीच है जिसमें एक पक्ष राज्य नहीं है।
  • युद्ध के कानून में एक अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की संस्थापक रोम प्रतिमा के रूप में है जो नागरिकों, नागरिक बस्तियों या मानवीय कार्यकर्ताओं पर जानबूझकर हमले, जहां सैन्य रूप से आवश्यक नहीं होने पर संपत्ति को नष्ट करना, यौन हिंसा और गैरकानूनी निर्वासन सहित युद्ध अपराध कृत्यों को परिभाषित करता है।
  • इस नियम में अन्य समझौते कुछ प्रकार के हथियारों, जैसे रासायनिक या जैविक युद्ध सामग्री, पर प्रतिबंध लगाता  है। सभी देशों ने इन सभी नियमों  पर हस्ताक्षर किए हैं।

क्या हमास ने किए युद्ध अपराध ?

हमास ने इजरायली कस्बों और शहरों पर हजारों रॉकेट दागे हैं और 7 अक्टूबर को गाजा से सीमा पार सैकड़ों बंदूकधारी भेजे हैं। उन्होंने बच्चों और बुजुर्गों सहित नागरिकों पर उनके घरों और पड़ोस में हमला किया और हत्या कर दी और कई अन्य लोगों का अपहरण कर लिया। इज़राइल का कहना है कि कम से कम 1,400 लोग मारे गए और 199 अन्य का अपहरण कर लिया गया।

  • यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में लॉ के लेक्चरर हैम अब्राहम ने कहा कि अपराधों के सबूत स्पष्ट हैं। लेक्चरर हैम अब्राहम ने इजरायल और हमास के युद्ध को लेकर कहा , “उन्होंने नागरिकों का उनके घरों में नरसंहार किया। उन्होंने आम नागरिकों का अपहरण किया, उन्हें बंधक बनाया। ये सभी चीजें स्पष्ट रूप से युद्ध अपराध हैं।
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल फ्रांस के अंतर्राष्ट्रीय न्याय आयोग के वकील जीन सुल्जर ने कहा कि जिनेवा कन्वेंशन में कहा गया है कि “नागरिकों को कभी भी बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए। यदि वे ऐसा कर रहे हैं, तो इसे युद्ध अपराध के रूप में देखा जा सकता है।

क्या वैध है इजरायल का जवाबी हमला ?

हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर को विनाशकारी हमला करता है जिसमें इजरायल के हजारों नागरिकों की मौत होती है। इसके बाद इजरायल जवाबी हमले की शुरुआत करता है जो आज 12 वें दिन भी जारी है। इजरायली सेना ने हमास शासित गाजा पर लगातार हवाई हमले कर रहा है। गाजा को मिलने वाला भोजन, पानी, ईंधन और बिजली की आपूर्ति तक इजरायल ने रोक दी है और संभावित जमीनी हमले से पहले लोगों को गाजा पट्टी के उत्तरी आधे हिस्से को छोड़ने के लिए कहा है। गाजा अधिकारियों का कहना है कि बमबारी के दौरान 2,800 लोग मारे गए हैं और 11,000 घायल हुए हैं।

  • आलोचक इजरायल द्वारा गाजा के 20 लाख नागरिकों को सामूहिक रूप से दंड देने का आरोप लगा रहे हैं।
  • जिनेवा स्थित रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने कहा है कि हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने का निर्देश देना, पूर्ण घेराबंदी के साथ उन्हें भोजन, पानी और बिजली से वंचित करना, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुकूल नहीं है।
  • इजरायली सेना का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करती है और केवल वैध सैन्य ठिकानों पर ही  हमला करती है क्योंकि वह आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहती है।
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